नई दिल्ली। सेना ने गैर-युद्धक इकाइयों के कर्मियों के साथ भेदभाव किए जाने की आशंकाओं को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि किसी भी कोर के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता और सेवा कोर सहित सभी इकाइयों के कार्मिकों से युद्धक इकाई के कार्मिक के बराबर व्यवहार किया जाता है।
सेना ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस बात को लेकर कभी विवाद नहीं रहा कि सेवा कोर सहित सभी यूनिट लड़ाकू होती हैं और सेना ने किसी भी स्तर पर यह नहीं कहा है कि सेवा कोर गैर युद्धक इकाई होती है।
सेना के कमांडरों के पिछले चार दिन से यहां चल रहे सम्मेलन में सेवा कोर के गैर युद्धक इकाई होने के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। सम्मेलन में सेना की सेवा के अधिकारियों ने आशंका जताई कि गैर युद्धक इकाई में होने के मद्देनजर उनके साथ समान व्यवहार किया जाता है। इस तरह के कुछ मामलों के उच्चतम न्यायालय में पहुंचने के मद्देनजर सम्मेलन में सेना द्वारा न्यायालय में रखे गए पक्ष के बारे में भी कमांडरों को जानकारी दी गई।
यह भी बताया गया कि जनरल बिपिन रावत ने सेना की कमान संभालने के तुरंत बाद कहा था कि वह सेना की सभी कोर और शाखाओं को एक समान रखेंगे और सभी को योग्यता के अनुसार उनका हक मिलेगा।
सम्मेलन में यह भी कहा गया कि यदि किसी कोर या शाखा को किसी तरह की आशंका हो या किसी तरह की विसंगति सामने आएगी तो उसका समधान किया जाएगा और सेना प्रमुख के आश्वासन के बाद सभी विसंगतियों को दूर किया जाएगा।
सेना ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि सहायक लड़ाकू यूनिटों तथा लॉजस्टिक्स यूनिटों से अधिकारियों, जूनियर कमीशन अधिकारियों और अन्य रैंकों को कुछ समय के लिए नियंत्रण रेखा, छोटी लड़ाइयों और आतंकवादरोधी अभियानों के लिए आतंकवादरोधी यूनिटों में तैनात किया जाता है। इससे इन अधिकारियों को संचालन संबंधी जरूरी अनुभव मिल जाता है। यह भी उल्लेखनीय है कि इस तरह के अभियानों में उनका प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है।
सेना ने यह भी कहा है कि सेना में हर जवान और अधिकारी युद्ध तथा शांतिकाल दोनों में सामूहिक रूप से काम करता है और इन दोनों समय की भूमिकाओं को अलग करके नहीं देखा जा सकता।
सेना की ओर से यह भी साफ किया गया है कि लड़ाकू यूनिट, लड़ाकू सहायक यूनिट और सेवा कोर सेना की संचालन शाखाएं हैं और उनके निश्चित कर्तव्य और भूमिका हैं। सेना ने सेवा कोर की विभिन्न अभियानों के दौरान लड़ाकू यूनिटों को साजो-सामान पहुंचाने संबंधी भूमिकाओं को कम आंके बिना कहा कि एएससी, आर्डिनेंस एंड इलेक्ट्रानिक्स एंड मेकेनिकल इंजीनियर कोर के कमान अधिकारियों को अग्रिम मोर्चों पर भेजे जाने की जरूरत नहीं होती। (वार्ता)