आयला से भी भयावह हो सकता है आम्फान, ममता ने कहा- 4 दिन तक न‍ निकलें बाहर

Webdunia
मंगलवार, 19 मई 2020 (18:20 IST)
कोलकाता/ नई दिल्ली। प्रचंड तूफान आम्फान (Cyclone Amphan) के 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया के बीच तट पर पहुंचने की संभावना है। आम्फान से निबटने के लिए बंगाल की तैयारियों के बीच ममता बनर्जी ने कहा कि कल से लेकर 4 दिन तक सभी लोग घरों में ही रहें।

बताया जा रहा है कि आम्फान तूफान आयला से भी भयंकर हो सकता है। आम्फान तूफान को देखते हुए बंगाल ट्रेन नहीं भेजने की सलाह दी गई है। आम्फान को देखते हुए 3 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। तूफान को देखते हुए कई शेल्टर होम्स बनाए गए।  NDRF, SDRF, बिजली, निगम, पुलिस विभाग को अलर्ट पर रखा गया है। राज्य सरकार ने कंट्रोल रूम भी बनाया है।  
 
BSF ने बनाई चलती-फिरती चौकियां : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश नदी क्षेत्र मोर्चे और इच्छामती नदी की सुरक्षा के लिए तैनात अपनी तीन चलती-फिरती सीमा चौकियों या जहाज तथा 45 अन्य गश्ती नौकाओं को चक्रवात अम्फान के मद्देनजर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है।  बीएसएफ का दक्षिण बंगाल फ्रंटियर इन जहाज और नौकाओं का इस्तेमाल इस क्षेत्र में 350 किलोमीटर लंबे नदी क्षेत्र की चौकसी के लिए करता है।
 
वह यहां 930 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है जिसमें सुंदरबन, एश्चुअरी प्वाइंट, इच्छामती नदी और पानीतार का 110 किलोमीटर लंबा क्षेत्र आता है। इस इलाके में दोनों देशों की भूमि और नदी सीमाएं एक-दूसरे से मिलती हैं।
 
तीन चलती-फिरती सीमा चौकियों या जहाज तथा 45 अन्य गश्ती नौकाओं को चक्रवात अम्फान के मद्देनजर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। 
 
बीएसएफ के उपमहानिरीक्षक (दक्षिण बंगाल फ्रंटियर) एसएस गुलेरिया ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इन नौकाओं और जहाजों से संबद्ध लोग इस चक्रवात तक भूमि सीमा चौकियों पर रहेंगे।
 
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एनडीआरएफ में अपनी सेवा दे चुके गुलेरिया ने कहा कि इलेक्ट्रिशियनों, राज-मिस्त्रियों और  इंजीनियरों की एक टीम नदी सीमा क्षेत्रों में भेजी गई है ताकि वे किसी नुकसान की सूरत में बुनियादी ढांचों की यथाशीघ मरम्मत और बहाली में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नदी सीमा चौकियों पर सेटेलाइट फोन भी प्रदान किए गए हैं ताकि संवाद कायम रहे। 
 
उन्होंने बताया कि हंसाबाद में चक्रवात संबंधी अभियानों के लिए एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है जिसकी कमान एक वरिष्ठ अधिकारी के हाथों में होगी।
 
 बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बल स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने तथा चक्रवात के बाद तलाशी एवं बचाव अभियान शुरू करने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआएफ) के साथ तालमेल कायम कर चल रहा है।

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