Amaranth Yatra : इस बार की अमरनाथ यात्रा कई मामलों में पूरी तरह अलग है। इसके साथ इस बार कई प्रथम भी जुड़ गए हैं। इनमें श्रद्धालुओं के लिए खतरे वाले इलाकों में हेलमेट का पहनना, आधार कार्ड और आरएफआईडी कार्ड भी साथ रखना अनिवार्य किया जा चुका है।
सबसे बड़ी बात यह है कि अमरनाथ यात्रा के इतिहास में यह सबसे लंबी चलने वाली यात्रा होगी जो 62 दिनों तक चलेगी, जिसकी सुरक्षा में सभी सुरक्षाबल जुटे हैं। दरअसल यात्रा मार्ग में कई स्थानों पर भूस्खलन और पत्थरों के गिरने का खतरा हमेशा बना रहता है।
खासकर घोड़े की सवारी कर गुफा तक पहुंचने वाले कई तीर्थयात्री अतीत में मौत का ग्रास बन चुके हैं। उनके सिरों पर ही हमेशा चोट लगी है। इसके बचाव के तौर पर घोड़े से सवारी करने वालों के लिए हेलमेट अनिवार्य कर दिया गया है, जबकि जहां पहाड़ों से पत्थर गिरते हैं, वहां पैदल यात्री भी हेलमेट पहनेंगें।
इन इलाकों से गुजरते वक्त श्राइन बोर्ड की ओर से हेलमेट मुहैया करवाए जाएंगे, जिसे बाद में वापस भी करना होगा। कोई यात्री भटक जाए या फिर आतंकी तत्वों पर नजर रखने की खातिर प्रत्येक श्रद्धालु को अपने गले में आएफआईडी कार्ड लटकाना भी जरूरी होगा। इस कार्ड का प्रयोग पहले ही वैष्णो देवी की यात्रा में किया जा रहा है।
यही नहीं पहली बार 62 दिन तक चलने वाली इस यात्रा में पंजीकरण के लिए पहली बार आधार कार्ड को अनिवार्य बनाया गया है। यही कारण था कि इसकी जांच के दौरान आज जम्मू-कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर में सवा सौ के करीब जाली पंजीकरण पकड़े गए हैं।
इस यात्रा का एक और प्रथम यह था कि इस बार सेना के तीनों अंग मिलकर इस यात्रा को सुरक्षा मुहैया करवा रहे हैं। इसमें एनएसजी कमांडो और अन्य सुरक्षाबल भी हजारों की तादाद में शामिल हैं। पहली बार इतने तगड़े सुरक्षा के इंतजाम देखे जा रहे थे, जिस कारण यह यह सवाल पैदा होना लाजिमी हो गया था कि क्या सच में यात्रा को कोई खतरा है।
Edited By : Chetan Gour