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अब अजमेर शरीफ के मंदिर होने का दावा, ASI से सर्वेक्षण करवाने की मांग

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, शुक्रवार, 27 मई 2022 (07:24 IST)
जयपुर। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद, दिल्ली के कुतुब मिनार, आगरा के ताजमहल और मथुरा की ईदगाह मस्जिद के बाद अब अजमेर शरीफ के भी मंदिर होने का दावा किया गया है।
 
हिंदूवादी संगठन महाराणा प्रताप सेना ने अजमेर स्थित हजरत मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, पूर्व में मंदिर होने का दावा करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) से सर्वे करवाने की मांग की है।
 
महाराणा प्रताप सेना के राजवर्धन सिंह परमार ने दावा किया कि दरगाह की दीवारों व खिड़कियों में हिन्दू धर्म से संबंधित चिह्न है। परमार ने कहा कि उनकी मांग है कि एएसआई द्वारा दरगाह का सर्वे करवाया जाये।
 
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खादिम कमेटी अंजुमन सैयद जादगान के अध्यक्ष मोईन चिश्ती ने कहा कि दावा निराधार है क्योंकि दरगाह में इस तरह के चिह्न नहीं हैं। उन्होंने कहा कि दोनों समाज हिन्दू और मुस्लिम के करोड़ो लोग दरगाह में आते हैं।
 
उन्होंने कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि दरगाह में कहीं भी स्वास्तिक चिह्न नहीं है। दरगाह 850 वर्षो से है। इस तरह का कोई प्रश्न आज तक उठा ही नहीं हैं। आज देश में एक विशेष तरह का माहौल है जो पहले कभी नहीं था।
 
उन्होंने कहा कि ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सवाल उठाने का मतलब उन करोड़ो लोगो की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है, जो अपने-अपने धर्म को मानने वाले हैं और यहां आते हैं। ऐसे सभी तत्वों को जवाब देना सरकार का काम है।
 

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