नई दिल्ली। सरकार 2018-19 के वित्त वर्ष में कृषि शिक्षा, शोध और विस्तार के लिए बजट आवंटन 15 प्रतिशत बढ़ाकर 8,000 करोड़ रुपए कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि कृषि क्षेत्र की आय दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने के मद्देनजर सरकार कई कदम उठा रही है। कृषि अनुसंधान बजट में वृद्धि भी इसी के तहत की जाएगी। वित्त वर्ष 2018 -19 का आम बजट 1 फरवरी को पेश होगा।
सूत्रों ने कहा कि कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार के उद्देश्य से पिछले कुछ वर्षों से बजट आवंटन में सालाना 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाती है। हमें उम्मीद है कि कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) को अगले वित्त वर्ष में 15 प्रतिशत अधिक बजट आवंटन किया जाएगा।
इस राशि का इस्तेमाल प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में होगा। इससे कृषि क्षेत्र के समक्ष प्रमुख समस्याओं को हल करने का प्रयास किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इससे हम प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषण के जरिए किसानों की आमदनी दोगुना करने के लक्ष्य की ओर बढ़ सकेंगे।
अगले वित्त वर्ष में डेयर का इरादा विशेष रूप से 150 पिछड़े जिलों में प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषण का इस्तेमाल करने का है। इसके जरिए विभाग आदिवासी क्षेत्रों में किसानों की क्षमता का विस्तार करेगा। इसके अलावा विभाग कृषि में सेंसर के इस्तेमाल, फसल कटाई के बाद की प्रौद्योगिकी का निर्माण और स्थानांतरण, वाणिज्यिक एप्लीकेशन के लिए पशुओं की क्लोनिंग आदि शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2017-18 में सरकार ने शुरुआत में डेयर के लिए 6,800 करोड़ रुपए का आवंटन किया था। डेयर कृषि मंत्रालय के तहत काम करता है। इसके अलावा अनुदान मांगों के जरिए अतिरिक्त आवंटन किया गया जिससे डेयर का कुल बजट आवंटन 7,000 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। डेयर द्वारा अभी तक जारी किए गए 90 प्रतिशत बजट आवंटन को खर्च कर दिया गया है। शेष को वित्त वर्ष की बाकी अवधि में खर्च किया जाएगा। (भाषा)