Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

वायु प्रदूषण के चलते मारे गये 5 लाख लोग

हमें फॉलो करें वायु प्रदूषण के चलते मारे गये 5 लाख लोग
, मंगलवार, 17 अक्टूबर 2017 (12:22 IST)
यूरोपीय एनवायरमेंट एजेंसी की एक स्टडी मुताबिक यूरोप में वायु प्रदूषण के चलते साल 2014 में तकरीबन पांच लाख लोग अकाल मृत्यु का शिकार हुए। सबसे अधिक मौतें जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस में हुई।
 
यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी (ईइए) की रिपोर्ट मुताबिक यूरोप के 41 देशों में साल 2014 के दौरान 5.34 लाख से अधिक अकाल मृत्यु के मामले सामने आए। एजेंसी ने इन मामलों को वायू प्रदूषण से जोड़ कर देखा है। यूरोपीय संघ के 28 देशों में यह आंकड़ा तकरीबन 5.02 लाख मौतों से जुड़ा है। एजेंसी मुताबिक सबसे अधिक मौतें जर्मनी में हुईं हैं और इसके बाद ब्रिटेन और फ्रांस का नंबर आता है। ये तीनों देश यूरोप के सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं।
 
ईइए के कार्यकारी निदेशक हंस ब्रुइनिनक्स ने अपने बयान में कहा, "एक समाज होने के नाते हमें वायु प्रदूषण की कीमत नहीं भुगतनी चाहिये।" उन्होंने कहा, "यूरोप में परिवहन तंत्र, कृषि, तापीय संयंत्र और कारोबारी इकाइयां उत्सर्जन का सबसे बड़ा कारण हैं। लेकिन अगर प्रदूषण मुक्त परिवहन तंत्र, ऊर्जा और कृषि क्षेत्र में निवेश किया जाये तो इस समस्या से निपटा जा सकता है।" उन्होंने बताया कि इन आंकड़ों के बावजूद यह माना जा सकता है कि यूरोप में हवा का स्तर पिछले कुछ समय में सुधरा है। 
 
ईइए की यह स्टडी फाइन पर्टिकुलर मैटर (पीएम 2।5), नाइट्रोजन डॉयऑक्साइड और स्मॉग के स्तर पर आधारित है। रिपोर्ट में पीएम को 4.28 लाख असामयिक मृत्यु के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। पीएम अधिकतर व्हीकल ट्रैफिक के चलते पैदा होता है लेकिन कृषि, ऊर्जा उत्पादन इकाइयां और कारोबारी इकाइयां भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। वहीं नायट्रोजन डायऑक्साइड एक प्रदूषक है जो मुख्य रूप से डीजल ईंधन के जलने से पैदा होती है।
 
जर्मन शहर स्टुटगार्ट में नायइट्रोजन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन बार-बार तय सीमा से अधिक रहा है। ग्राउंड लेवल स्मॉग और ओजोन तब पैदा होती है जब सूरज की रोशनी, नायट्रोजन डायऑक्साइड और वातावरण में मौजूद कार्बन कंपाउड के साथ प्रतिक्रिया करती है। नायट्रोजन डायऑक्साइड के उत्सर्जन में ईंधन वालीं गाड़ियां, तापीय संयंत्र और कारोबारी इकाइयों की अहम भूमिका है।
 
पर्यावरण मामलों से जुड़े यूरोपीय संघ के आयुक्त कार्मेनू वेला के मुताबिक, "यूरोपीय आयोग इससे निपटने के लिए प्रतिबद्ध है और ये सभी सदस्य देशों की मदद करेगा ताकि गुणवत्ता युक्त वायु सभी नागरिकों को मिल सकें।" एनवायरमेंटल एक्शन जर्मनी के यूर्गेन रेश ने इसके लिए देश की ऑटो इंडस्ट्री और चांसलर अंगेला मैर्केल समेत सभी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। इस एजेंसी ने एक बार फिर डीजल वाहनों पर प्रतिबंध की बात दोहरायी। ईइए की रिपोर्ट में ग्रीनहाउस गैसों पर भी खासा जोर दिया है जिसमें कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों को वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार बताया गया है।
 
सोनिया एंगेलिका डिन/एए

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

"शायद ही कोई ऐसी लड़की हो, जिससे कभी छेड़छाड़ न हुई हो"