उन्होंने यह बताने के लिए एक कविता पढ़ी कि उनकी सरकार किस तरह से ‘भारत की नियति’ बदल रही है और यह कि वह देश के हित में कड़े और साहसी कदम उठाने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि वह भारत को विकास के मामले में अन्य देशों से आगे बढ़ते देखने के लिए अधीर हैं। मोदी ने अपने भाषण का समापन सभी के लिए मकान, बिजली, रसोई गैस, स्वच्छता, स्वास्थ्य, सम्पर्क और पानी का आह्वान करते हुए कहा कि उनकी सरकार इस मंत्र के साथ काम कर रही है। (भाषा)