लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण प्रदेश वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए 11 लाख नौकरियां मुहैया कराने के मकसद से शुक्रवार को सहमति पत्रों पर दस्तखत किए।
प्रदेश के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने 3-3 लाख नौकरियों की व्यवस्था की जबकि नर्डिको और लघु उद्योग भारती ने ढाई-ढाई लाख नौकरियों का इंतजाम किया है।
उन्होंने बताया कि इन सहमति पत्रों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में दस्तखत किए गए जिन्होंने प्रदेश लौट रहे प्रवासी मजदूरों को नौकरियां दिलाने का वादा किया है।
सिंह ने कहा कि जिन लोगों ने यह सवाल उठाया है कि राज्य सरकार कुशल एवं अर्धकुशल श्रमिकों को 11 लाख नौकरियां मुहैया कराने के भारी-भरकम लक्ष्य को कैसे पूरा करेगी, उन्हें सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग ने जवाब दे दिया है।
सिंह ने कहा कि कुछ राज्य उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को देनदारी मानते थे लेकिन मुख्यमंत्री ने उन्हें अपनी संपत्ति बनाया।
उन्होंने बताया कि उनके विभाग ने प्रवासी मजदूरों के लिए एक नियंत्रण कक्ष बनाया है और अब तक 75000 इकाइयों में श्रमिकों के बकाये 1700 करोड़ रुपये का भुगतान सुनिश्चित किया जा चुका है। (भाषा)