अयोध्या (Ayodhya) का संत समाज चाहता है कि श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए। वहीं एक संत का यह भी मानना है कि मंदिर इतना भव्य होना चाहिए कि वह कराची से लेकर काठमांडू और कोलंबो से भी नजर आए। उनका कहना है कि 2024 तक राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा।
पूर्व सांसद व कथावाचक डॉ. रामविलास दास वेदांती राम जन्मभूमि मंदिर की ऊंचाई पर टिप्पणी कर इन दिनों चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि रामलला के भव्य मंदिर बनने की तैयारी शुरू हो गई है। 2024 तक मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।
डॉ. वेदांती ने वेबदुनिया से बातचीत करते हुए बताया कि मैं चाहता हूं कि राम मंदिर की ऊंचाई 1111 फुट हो। विश्व का सबसे ऊंचा श्रेष्ठ व दिव्य मंदिर हो, जो कि इस्लामाबाद, कराची, काठमांडू, कोलंबो, दिल्ली और कोलकाता से भी दिखाई दे। उन्होंने इस संबंध में भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व गृहमंत्री सहित उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री व राज्यपाल को भी पत्र लिखा है।
हालांकि अन्य संत भव्यता की बात तो करते हैं, लेकिन ऊंचाई को लेकर वे स्पष्ट कुछ नहीं कहते। अयोध्या जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जनमेजय शरण ने वेबदुनिया से बातचीत में कहा कि श्रीराम पूरे विश्व में अद्वितीय विभूति हैं, उनका मंदिर निर्विवाद रूप से भव्य और दिव्य होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण काफी समय से लंबित चला आ रहा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वह बाधा भी दूर हो गई है। हालांकि उन्होंने कहा कि मैं ऊंचाई की मैं बात नहीं कर सकता क्योंकि मैं इंजीनियर तो हूं नहीं, लेकिन राम मंदिर विश्व का सबसे खूबसूरत मंदिर बने जहां दर्शन करने पूरे विश्व से लोग आएं।
इसी तरह स्वामी परमहंस दास ने वेबदुनिया से कहा कि सभी राम भक्तों की इच्छा है कि मंदिर अद्भुत, अलौकिक, अद्वितीय होना चाहिए, जिसका कार्य विहिप पूर्ण रूप से कर रही है। वह देश की जनभवना को ध्यान में रखते हुए राम मंदिर की भव्यता, दिव्यता व उसकी ऊंचाई के लिए स्थल का परीक्षण भी करा रही है ताकि मंदिर हजारों वर्ष तक रहे।