Employment News : केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को दावा किया कि देश में पिछले 9 वर्षों में रोजगार के अवसरों में भारी वृद्धि देखी गई है और इस दौरान लगभग 1.25 करोड़ नए रोजगार पैदा हुए हैं।उल्लेखनीय है कि कांग्रेस का दावा है कि मोदी सरकार ने हर साल 2 करोड़ रोजगार पैदा करने करा वादा किया था।
अपने मंत्रालय की तरफ से किए गए कई संस्थान-आधारित श्रम सर्वेक्षणों का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि वर्ष 2014 से 2022 के बीच करीब 1.25 करोड़ नए रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। उन्होंने नरेन्द्र मोदी सरकार के पिछले नौ साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह दावा किया।
उन्होंने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत पेंशनभोगियों की संख्या वित्त वर्ष 2021-22 में 72 लाख हो गई जबकि वित्त वर्ष 2014-15 में इनकी संख्या 51 लाख थी। इस दौरान लगभग 22 लाख लोग सेवानिवृत्त हुए लेकिन ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पंजीकरण बढ़ गया।'
श्रम मंत्री ने कहा कि 2014-15 में ईपीएफओ के पंजीकृत अंशधारकों की कुल संख्या 15.84 करोड़ थी, जो 2021-22 में बढ़कर 27.73 करोड़ हो गई।
ईपीएफओ के नवीनतम पेरोल आंकड़े का भी उल्लेख करते हुए पटेल ने कहा कि इस साल अप्रैल के महीने में 17.20 लाख नए सदस्य सेवानिवृत्ति कोष निकाय का हिस्सा बने। नेशनल करियर सर्विस (NCS) पोर्टल ने पिछले 9 वर्षों में करीब 1.39 करोड़ खाली पदों की सूचना जुटाने में मदद की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने तीन विषयों सेवा, सुशासन, कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया। जब हम सेवा और सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं, तो आपको अंदाजा होता है कि हमने देश में संगठित और असंगठित दोनों तरह के श्रमिकों का ख्याल रखा।
उन्होंने कहा कि संगठित श्रमिक देश के कुल कार्यबल का सिर्फ 10 प्रतिशत हैं जबकि 90 प्रतिशत श्रमिक असंगठित क्षेत्र में हैं।
उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की गई है और जनधन-आधार-मोबाइल (JAM) का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब तक करीब 400 व्यवसायों में संलग्न करीब 30 करोड़ श्रमिक ई-श्रम पोर्टल से जुड़ चुके हैं।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने जून 2022 में ट्वीट कर कहा था, 'वादा था दो करोड़ नौकरी हर साल देने का, आठ साल में देनी थीं 16 करोड़ नौकरियां। अब कह रहे हैं साल 2024 तक केवल 10 लाख नौकरी देंगे। 60 लाख पद तो केवल सरकारों में खाली पड़े हैं, 30 लाख पद केंद्र सरकार में खाली पड़े हैं। जुमलेबाजी कब तक?'
(इनपुट : भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta