भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले कांग्रेस हर मोर्चे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घेर रही है। इस बार कांग्रेस ने सरकार के लिए पहले ही काफी परेशानी का कारण बन चुके व्यापम के जिन्न को निकाल लिया है। पहले ही सरकार के लिए कलंक साबित हो चुके व्यापम के मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भोपाल की विशेष कोर्ट में एक परिवाद लगाया है।
इसके साथ ही दिग्विजय सिंह की तरफ से कोर्ट में सत्ताईस हजार पन्नों के दस्तावेज पेश किए गए हैं। दिग्विजय सिंह की तरफ से कोर्ट में जो दस्तावेज पेश किए गए हैं, उसमें व्यापम मामले को लेकर बनाई गई एक्सेल शीट में फेरबदल करने का आरोप मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और 18 पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं।
परिवाद में आरोप लगाया गया है कि नितिन महेन्द्रा के कम्प्यूटर से प्राप्त मूल हार्ड डिस्क में इन्दौर के पुलिस अधिकरियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं अन्य बड़े भाजपा नेताओं को बचाने के लिए हार्ड डिस्क से प्राप्त एक्सेल शीट में छेड़छाड़ करते हुए उसमें लिखे मुख्यमंत्री का नाम एवं अन्य नामों को हटाया।
परिवाद में यह भी कहा गया है कि ट्रूथ लेब की रिपोर्ट सीबीआई गलत साबित नहीं कर सकी है। ट्रूथ लेब की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि एक्सेल शीट में छेड़छा़ड़ की गई है और हार्ड डिस्क से 18 जुलाई 2013 को जो फाइल रिकवर हुई थी उस फाइल की एक्सेल शीट में सी.एम. लिखा हुआ था जो बाद में हटाया गया है।
परिवाद में आरोप लगाया गया है कि एसटीएफ और सीबीआई द्वारा उपलब्ध प्रमाणों की अनदेखी करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती एवं कई अन्य भाजपा नेताओं को आरोपी नहीं बनाया गया है। कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को करेगी।