मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले एससी-एसटी एक्ट को लेकर शुरु हुआ विरोध अब तेज हो गया है। एक तरफ इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर दोहरी राजनीति करने का आरोप लगाया जा रहा है, तो दूसरी ओर कांग्रेस भी जनता के विरोध से अछूती नहीं है।
मध्यप्रदेश के शिवपुरी में कांग्रेस सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्यातिरादित्य सिंधिया के दौरान ये विरोध साफ नजर आया। शिवपुरी में करणी सेना और सपाक्स के पदाधिकारियों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को काले झंडे दिखाकर एट्रोसिटी एक्ट का विरोध किया गया, वहीं दूसरी ओर कोलारस में भी सपाक्स से जुड़े नेताओं व पदाधिकारियों ने सिंधिया को काले झंडे दिखाए।
सिंधिया यहां मानस भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे, जहां से लौटते वक्त करणी सेना और सवर्णों द्वारा उन्हें घेरकर काले झंडे दिखाए गए। इतना ही नहीं सपाक्स समर्थक पदाधिकारियों और करणी सेना द्वारा सिंधिया को ज्ञापन भी सौंपा गया।
हालांकि सिंधिया ने सभी कार्यकर्ताओं को जातिगत अन्याय नहीं होने देने का भरोसा दिलाया और केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना भी साधा। सिंधिया ने सरकार पर किसी की भी बात न सुनने का आरोप लगाया और कहा कि इस सरकार ने जनता से जो वादे किए, उन्हें पूरा नहीं किया। सत्ता में बैठे लोगों की नीति ही समझ नहीं आती है।
सपाक्स द्वारा ज्योतिरादित्य सिंधिया का रुख पूछे जाने पर उन्होंने इस मौके को भुनाने का मौका न छोड़ते हुए कहा कि "पहले हमें सत्ता में लाओ फिर मैं इसका उत्तर दूंगा।"