भोपाल। चुनाव आयोग ने कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई द्वारा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रसारित किए जा रहे दो विज्ञापनों पर भाजपा की आपत्ति को खारिज करते हुए इस पर लगाई गई रोक हटा लिया है।
कांग्रेस ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा इस मामले को लेकर चुनाव आयोग के समक्ष कांग्रेस का पक्ष रखा था। जिस पर उन्होंने आयोग से कहा कि 'मामा तो गयो' वाले केम्पेन में भाजपा स्वयं बताए कि 'मामा कौन है' कांग्रेस ने तो किसी का नाम नहीं लिया। फिर निराधार आरोप के माध्यम से भाजपा ने इस विज्ञापन पर रोक लगाने की अपील चुनाव आयोग से क्यों की है।
श्रीमती ओझा ने कहा कि अपनी हार का पूर्वाभास होने के कारण भाजपा बिचलित हो गई है और कांग्रेस पार्टी के प्रचार अभियान को गलत साबित कर रही है। उन्होंने कहा कि इसी तरह कांग्रेस के 'गुस्सा तो आता है' प्रचार अभियान पर भाजपा का यह कहना गलत है कि इससे लोगों में आक्रोश की स्थिति निर्मित होगी। इस देश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति का अधिकार मिला है।
उन्होंने कहा कि आम जनता के गुस्से को ही इस कैम्पेन में अभिव्यक्त किया गया है। इसलिये भाजपा का यह कहना कि इससे हिंसक वातावरण निर्मित हो रहा है, पूरी तरह गलत है। ओझा का पक्ष सुनने के बाद निर्वाचन आयोग के संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कुमार कौल ने कांग्रेस की दलील को सही माना और भाजपा की अपील को खारिज करते हुए कैम्पेन पर लगाई गई रोक तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी।