भोपाल। मध्यप्रदेश में दो दिन के दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार देर रात तक भोपाल में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर चुनाव रणनीति पर मंथन किया। 3 घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में शाह ने वरिष्ठ नेताओं के साथ टिकटों को लेकर भी मंथन किया है।
बैठक में अमित शाह के सामने पार्टी के टिकट को लेकर कराए गए अब तक की तीन सर्वे रिपोर्ट और मंत्रियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट भी रखी गई। बैठक में पार्टी के लिए इस बार खतरे में पड़ने वाली सीटों पर विशेष मंथन हुआ। बैठक में मंत्री और विधायकों की उन सीटों पर विशेष चर्चा हुई जिनका फीडबैक सर्वे रिपोर्ट में सही नही मिला है।
बैठक में ये भी तय हुआ कि जिन सीटों पर ज्यादा एंटी इन्कम्बेंसी है वहां की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेता संभालें। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि शाह के सामने पार्टी के पास जो तीन अलग-अलग सर्वे आए, उसकी पूरी रिपोर्ट रखी गई। सर्वे रिपोर्ट में करीब 70 से 80 विधायकों के साथ-साथ आठ से दस मंत्रियों की रिपोर्ट नेगेटिव मिली है। इन नेताओं के बारे में पार्टी को जो फीडबैक मिला है, उसके मुताबिक, अगर इन नेताओं पर फिर से दांव लगाया गया तो ये सीट खतरे में पड़ जाएगी।
वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में मामूली अंतर से जीते हुए मंत्रियों की सर्वे रिपोर्ट अलग से पेश की गई। सूत्रों के हवाले से खबर है कि बैठक में अमित शाह ने ऐसे किसी भी विधायक को टिकट न देने के स्पष्ट निर्देश दिए, जिससे पार्टी को चुनाव में सीट का नुकसान न हो जाए, वहीं बैठक में चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। अमित शाह ने करीब तीन घंटे चली बैठक के दौरान 11 चुनाव समितियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की।