भोपाल। मध्यप्रदेश में सत्ता का वनवास खत्म करने में जुटी कांग्रेस में अब सबकी नजर टिकट पर लग गई है। टिकट को लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक गहमागहमी है। 15 साल से सत्ता से दूर कांग्रेस इस बार किसी भी हाल में जीत हासिल करना चाहती है, इसलिए प्रदेश कांग्रेस में अब टिकट के लिए अपने ही राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के फॉर्मूला को दरकिनार कर दिया है।
भोपाल में कांग्रेस के चुनाव प्रचार का शंखनाद करने आए राहुल गांधी ने ऐलान किया था कि पार्टी में चुनाव के समय पैराशूट के जरिए एंट्री करने वालों को टिकट नहीं दिया जाएगा। राहुल ने कार्यकर्ताओं से साफ शब्दों में कहा था कि टिकट केवल कांग्रेस के लिए संघर्ष करने वालों और जमीनी लड़ाई लड़ने वालों को दिया जाएगा।
दूसरी ओर अब जब कांग्रेस में टिकट पर अंतिम मोहर लगने का समय आया तब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने साफ कहा है कि कांग्रेस में भाजपा से आने वाले यानी पैराशूट से एंट्री करने वालों को भी टिकट दिया जाएगा।
कमलनाथ ने कहा है चुनाव में पार्टी सिर्फ उसी को टिकट देगी जो जीतने वाला है। चाहे वो कांग्रेस का सदस्य हो या भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुआ है। कमलनाथ से जब पैराशूट उम्मीदवारों यानी भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो रहे पैराशूट उम्मीदवारों के बारे में पूछा गया था तो कमलनाथ ने साफ कहा कि कांग्रेस में टिकट का सिर्फ एक काइटेरिया है वो सिर्फ जीत।
ऐसे में यह तय है कि इस बार कांग्रेस में राहुल गांधी नहीं कमलनाथ के फार्मूले पर टिकट मिलेगा। भाजपा और अन्य दलों से पार्टी में शामिल हुए पैराशूट एंट्री वाले नेताओं को भी टिकट मिलेगा।
कांग्रेस में पैराशूट वाले टिकट के दावेदार-
पद्मा शुक्ला : चुनाव से टिकट पहले भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुई पद्मा शुक्ला कटनी के विजयराघवगढ़ से कांग्रेस की टिकट दावेदार हैं। कांग्रेस पद्मा शुक्ला को शिवराज सरकार में मंत्री संजय पाठक के खिलाफ मैदान में उतार सकती है।
पद्मा शुक्ला ने 2013 का विधानसभा चुनाव कटनी की विजयराघवगढ़ से लड़ा था। इसमें वे उस समय कांग्रेस के उम्मीदवार संजय पाठक से मामूली अंतर 935 वोटों से हार गई थीं। बाद में संजय पाठक भाजपा में शामिल होकर शिवराज सरकार में मंत्री बने थे।
पुष्पराज सिंह : पिछले दिनों राहुल गांधी के सामने रीवा के महाराज और पूर्व मंत्री पुष्पराज सिंह भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे। कांग्रेस पुष्पराज सिंह को रीवा में शिवराज सरकार के दिग्गज मंत्री राजेंद्र शुक्ल के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार सकती है। पुष्पराज सिंह की ग्रामीण इलाकों में अच्छी पकड़ और साफ-सुथरी छवि के आधार पर टिकट की दावेदारी पक्की है।
अभय मिश्रा : रीवा के जिला पंचायत अध्यक्ष और पूर्व भाजपा विधायक ने भी चुनावी साल में भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। अभय मिश्रा कांग्रेस की तरफ से सेमरिया से टिकट के दावेदार हैं। वर्तमान में इस सीट से अभय मिश्रा की पत्नी नीलम मिश्रा भाजपा की विधायक हैं।
अगर बात करें अभय मिश्रा की तो उन्होने सेमरिया सीट से 2008 का विधानसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ा था और चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार लालमनी पांडे को 5785 वोटों से हराया था। 2013 के विधानसभा चुनाव में सेमरिया सीट से अभय मिश्रा की पत्नी नीलम मिश्रा भाजपा के टिकट पर विधायक चुनी गई थीं। चुनाव में उन्होनें बीएसपी उम्मीदवार पंकज सिंह को करीब 6000 वोटों से हराया था। कांग्रेस पिछले चुनाव में इस सीट पर 28 हजार से कम वोट मिले थे।
अर्जुन आर्य : समाजवादी पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए युवा नेता अजुर्न आर्य को कांग्रेस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने बुधनी से टिकट दे सकती है। अर्जुन आर्य सपा के टिकट को ठुकराकर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। अर्जुन आर्य ने टिकट के लिए पार्टी संगठन के सामने अपनी दावेदारी भी रख दी है।