Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

धुलीखेल : नेपाल का बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन

हमें फॉलो करें Dhulikhel in nepal

अनिरुद्ध जोशी

Photo source : Dhulikhel GOV
हिमालय की बर्फीली पहाड़ियों से घिरे नेपाल में प्रकृति की मनोहारी छटा दिखाई पड़ती है। इन प्राकृतिक स्थानों पर घूमने का मजा ही कुछ और है। विश्व की दस सबसे ऊंची चोटियों में आठ नेपाल में है। दुनिया की सबसे ऊंची चाटी एवरेस्ट भी यहीं सीना ताने खड़ी है। इसे स्थानीय लोग "सागरमाथा" कहते हैं। यह नेपाल और चीन की सीमा पर स्थित है। इसके साथ ही यहां 20000 फुट तक की ऊंचाई वाली 240 चोटियां है।
 
देवताओं के घर नेपाल में जहां तीर्थ स्थल है वहीं खूबसूरत प्राकृतिक स्थल होने के साथ ही आप यहां रॉक क्लाइंबिंग और स्कीइंग जैसे खेलों का मजा लेने के साथ-साथ रिवर राफ्टिंग और जंगल सफारी भी कर सकते हैं। यहां ककानी नामक स्थान और धुलीखेल में जाकर हिमालय की सुंदर वादियों को निहार सकते हैं। यह छुट्टियां बिताने के लिए बेहद अच्छी और खूबसूरत जगह है। उत्तर में पहाड़ और दक्षिण में विशाल झील से घिरा गोसरई कुंड भी बेहद आकर्षक पर्यटन स्थल है। गोसरई कुंड में सरस्वती भरव, सोर्य, गणेश कुंड जैसी नौ प्रसिद्ध झीलें हैं। रॉयल चितवन राष्ट्रीय उद्यान में आप नेपाल की विशाल प्राकृतिक संपदा देख सकते हैं। यहां तीर्थस्थलों के साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जगहों की भी भरमार है।
 
धुलीखेल : ( Dhulikhel ) 
1. धुलिखेल नगर नेपाल के बागमती अंचल के कावरे जिले में स्थित है। धुलीखेल कावरेपालनचोक जिले का जिला मुख्यालय भी है। 
 
2. लगभग 1,625 मीटर (5,330 फीट) की ऊंचाई पर स्थित, यह हरी-भरी पहाड़ियों से आच्छादित है और सदियों में सफेद बर्फ से ढके पहाड़ों को देखना अद्भुत है। 
 
3. हिमालय की चोटियों और सूर्योदय का मनोरम दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करता है।
 
4. यह स्थल काठमांडू से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। 
 
5. यहां से मानसलू, लमजंग, गणेश हिमाल, गौरीशंकर हिमाल, लमतांग, रोलवलिंग, महालंगुर और कुंभकर्ण हिमालय देखे जा सकते हैं।
 
6. यहां पहाड़ी पर देवी का प्रसिद्ध स्थान है जिसे देबीस्थान कहते हैं। यहां प्रसिद्ध काली मंदिर, भगवती मंदिर है। पहाड़ी पर असंख्य पक्षी और तितलियों को देखना बहुत ही सुंदर नजारा होता है। 
 
7. आसपास के इलाकों में थुलोचौर कावरे और गोसाईकुंडा जंगल शामिल हैं, वहां पक्षियों की 72 प्रजातियां (60% निवासी और 35% प्रवासी) देखी जा सकती हैं।
 
8. पुराने शहर में कई हिन्दू और बौद्ध मंदिर स्थित है। नारायण मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, गौखुरेश्वर महादेव है। धुलिखेल में अन्य स्मारकों में सरस्वती मंदिर, दक्षिणकाली, भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा, भीमसेन, बालकुमारी, लंखाना माई, तेपुचा मद्य, भैरभ नाथ, बजरयोगिनी आदि हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्या प्रेग्नेंट हैं सोनम कपूर? एक्ट्रेस ने इस तरह बताई सच्चाई