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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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प्रकृति प्रेमियों के लिए उत्तराखंड के 10 बड़े प्राकृतिक स्पॉट

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अनिरुद्ध जोशी

उत्तराखंड को देवभूमि कहते हैं। प्राकृतिक छटाओं और सुंदरता से लबरेज यह प्रदेश भारत का सबसे सुंदर प्रदेश है। यहां ऊंचे-ऊंचे हरेभरे पहाड़ों तो वहीं कई धार्मिक स्थल भी है। यहां के धार्मिक स्थलों में ऋषिकेश, हरिद्वार, केदारनाध, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री आदि धार्मिक जगहों के साथ ही कुछ ऐसे प्राकृतिक स्थान हैं जहां जाकर आपका मन प्रफुल्लित हो जाएगा। आओ जाने हैं ऐसे ही 10 स्थानों के बारे में।
 
 
1. मसूरी : मसूरी हिल स्टेशन उत्तराखंड राज्य का पर्वतीय नगर है। यह देहरादून से 35 किलोमीटर और दिल्ली-एनसीआर से लगभग 250 किलोमीटर दूर है। इसे पहाड़ों की रानी कहा जाता है जो गंगोत्री का प्रवेश द्वार भी है। मसूरी के एक ओर से गंगा नजर आती है तो दूसरी ओर से यमुना नदी। यहां पर दुर्लभ वनस्पतियां और जीव जंतु पाए जाते हैं। यहां के ऊंचे ऊंचे पहाड़ और हरी भरी छटा देखते ही बनती है। पतली घुमावदार सड़कें, हरे-भरे पेड़, दूर तक नजर आती ऊंची-नीची पहाड़ियां, एक ओर दूर नजर आते बर्फ से ढंके सफेद पहाड़, दूसरी ओर पहाड़ों की गोद में बने छोटे-छोटे घर यानी देहरादून शहर। यहां आकर कोई भी रोमांचित हो सकता है। हनीमून मनाने के लिए यह आदर्श स्थान है। यहां का कैम्पटी फॉल प्रसिद्ध है।
 
2. अल्मोड़ा : अल्मोड़ा भारत के उत्तराखंड राज्य का एक बहुत ही सुंदर नगर है। इसके पूर्व में पिथौरागढ़ व चम्पावत, पश्चिम में पौड़ी, उत्तर में बागेश्वर, दक्षिण में नैनीताल स्थित है। अल्मोड़ा में घूमने लायक जगह जीरो पाइंट बहुत ही अद्भुत है जो बिनसर अभ्यारण्य में बहुत ऊंचाई पर स्थित है। यहां से आसमान को देखना बहुत ही रोमांचित कर देगा साथ ही यहां से केदारनाथ और नंदादेवी की चोटी को देखना तो आपके आश्चर्य और रोमांच को और भी ज्यादा बढ़ा देगा। यहां से हिमालय की वादियों का दृश्य आपको स्वर्ग में होने का अहसास देगा।
 
3. नैनीताल : इसे नैनीताल इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां पर ऊंचे पहाड़ पर नैना देवी का एक मंदिर और प्रसिद्ध ताल है। नैनी शब्द का अर्थ है आंखें और 'ताल' का अर्थ है झील।  बर्फ से ढ़के पहाड़ों के बीच झीलों से घिरा नैनीताल उत्तराखंड राज्य का प्रसिद्ध हनीमून स्पॉट है। यहां आकर आपको शांत और प्रकृति के पास होने जैसा महसूस होगा। यहां कि प्रसिद्ध झील नैना झील है जिसे ताल भी कहा जाता है। ताल में बत्तखों के झुंड, रंग-बिरंगी नावें और ऊपर से बहती ठंडी हवा यहां एक अदभुत नजारा पेश करते हैं। ताल का पानी गर्मियों में हरा, बरसात में मटमैला और सर्दियों में हल्का नीला दिखाई देता है।
 
4. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क : उत्तराखंड में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क 521 वर्गमीटर में फैला है। यहां हाथी, बाघ, चीता, चीतल, सांभर हिरण, बार्किंग हिरन, नीलगाय, घड़ियाल, किंग कोबरा, मुंतजिक, पाढ़ा, जंगली सूअर, स्लोथ भालू, घूरल, लंगूर, रेसस बंदर, हेजहोग, आम मस्क श्रू, फ्लाइंग फॉक्स, इंडियन पैंगोलिन आदि कई पशु और पक्षी रहते हैं। पार्क में 488 विभिन्न प्रजातियों के पौधे और 110 प्रकार के पेड़, 51 प्रकार की झाडियां, 30 प्रकार के बांस, 50 स्तनपायी नस्ल के प्राणी, पक्षियों के 580 जातियां, 25 प्रकार के रेंगने वाले जीव पाए जाते हैं। पक्षियों में यहां मोर, तीतर, कबूतर, उल्लू, हॉर्नबिल, बार्बिट, चक्रवाक, मैना, मैगपाई, मिनिवेट, तीतर, चिड़िया, टिट, नॉटहैच, वागटेल, सनबर्ड, बंटिंग, ओरियल, किंगफिशर, ड्रोंगो, कबूतर, कठफोडवा, बतख, चैती, गिद्ध, सारस, जलकाग, बाज़, बुलबुल और फ्लायकेचर शामिल हैं।
 
5. मुक्तेश्वर हिल स्टेशन : कुमाऊं की पहाड़ियों में बसा मुक्तेश्वर उत्तराखंड का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है जो दिल्ली से करीब 350 किलोमीटर की दूरी पर और नैनिताल से करीब 48 किलोमीटर दूर स्थित है। करीबी रेलवे स्टेशन काठगोदाम और करीबी हवाई अड्डा पंतनगर में है। यहां से टैक्सी से आसानी से पहुंचा जा सकता है। प्रकृति और पहाड़ों की गोद में बसा मुक्तेश्वर में हर समय सुहाना या कहें की रूमानी मौसम रहता है। मुक्तेश्वर के आस-पास देखने के लिए बहुत सारी जगहे हैं। यहां से अल्मोड़ा, बिन्सर और नैनीताल पास ही में हैं। अगर चाहें तो मुक्तेश्वर जाते समयया मुक्तेश्वर से लौटते समय भीमताल पर बोटिंग का आनंद ले सकते हैं।
 
6. वैली ऑफ़ फ्लावर : नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है वैली ऑफ़ फ्लावर। यह वैली लगभग 90 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है। यहां पर 300 से भी ज्यादा किस्म के फूल मिलते जो की दुनिया में कहीं पर भी नहीं पाए जाते हैं।
 
7. औली : उत्तराखंड का सबसे लोकप्रिय स्कीईंग का स्थान जो बदरीनाथ के रस्ते में पड़ता है। यहां पर पर्यटक स्कीईंग, चैरलिप्‍ट, गंडोला राइड का आनंद ले सकते हैं। यहां से ट्रैकिंग करने के लिए भी काफी पर्यटक आते हैं। यहां से नंदा देवी नेशनल पार्क काफी नजदीक है।
 
8. पिथौरागढ़ : तिब्बत से सटा पिथौरागढ़ जिला उत्तराखंड राज्य का सबसे पूर्वी हिमालयी जिला है। यह प्राकृतिक रूप से उच्च हिमालयी पहाड़ों, बर्फ से ढकी चोटियों, दर्रों, घाटियों, अल्पाइन घास के मैदानों, जंगलों, झरनों, बारहमासी नदियों, ग्लेशियरों और झरनों से घिरा हुआ है। यहां आपको प्रकृति के अलग ही रंग नजर आएंगे।
 
9. रानीखेत : अल्मोड़ा जिले के अंतर्गत देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा रानीखेत बहुत ही रमणीक एक लघु हिल स्टेशन है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 85 किमी की दूरी पर स्थित यह अच्छी पक्की सड़क से जुड़ा है। इस स्थान से हिमालय की ऊंची ऊंची चोटियों की श्रेणियां को स्पष्ट देखा जा सकता है। प्रकृति प्रेमियों का स्वर्ग रानीखेत छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है।
 
10. कौसानी : कौसानी में हिमालय की चोटियां और प्राकृतिक छटा एवं हरियाली का अनूठा संगम है। कौसानी से हिमालय की चोटियों की लंबी श्रृंखला के दर्शन किए जा सकते हैं। सुंदर रंग बिरंगे फलों से लदे वृक्ष और घाटियां आपको यहां से लौटने नहीं देगी। 

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