मां के लिए कविता : जब वो आंचल में छुपाती है...

जयति जैन 'नूतन'
हर
हर दर्द की दवा होती है
जब कोई नहीं होता
तब हमदर्द होती है।
 
मेरी नींदों में स्वप्न की तरह
मेरी खुशियों में दुआओं की तरह
चिंता, चिता नहीं बनती
जब वो पास होती है।
 
कुंभकार है वह कोई
आकार दिया मुझे 
ठंडक रहती है कलेजे में
जब वो आंचल में छुपाती है।
 
थककर आती हूं जब मैं
मुस्कान से जोश भर जाती है
आनंदित कर जाती है
जब वो ममता झलकाती है।
 
संवारती है बिखरे तिनकों को
संभालती है जज़्बातों को
दुनिया की इस तपिश में
जब वो शीतल झोंका देती है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

8 वेजिटेरियन फूड्स जो नैचुरली कम कर सकते हैं बैड कोलेस्ट्रॉल, जानिए दिल को हेल्दी रखने वाले सुपरफूड्स

सोते समय म्यूजिक सुनना हो सकता है बेहद खतरनाक, जानिए इससे होने वाले 7 बड़े नुकसान

चाय कॉफी नहीं, रिफ्रेशिंग फील करने के लिए रोज सुबह करें ये 8 काम

क्या आपको भी चीजें याद नहीं रहतीं? हो सकता है ब्रेन फॉग, जानिए इलाज

क्या है सिटींग वॉकिंग का 2 पर 20 रूल? वेट लॉस और ब्लड शुगर मैनेज करने में कैसे कारगर?

सभी देखें

नवीनतम

कौन हैं कांस में अप्सरा बनकर जाने वाली बागपत की बेटी नैंसी त्यागी, जानिए कैसे बनीं ग्लोबल फैशन आइकन

Hindi Love Poem: तुम -मेरी सबसे अनकही कविता

बाल गीत: बड़ी चकल्लस है

मैन या वीमेन, दोनों में से किन्हें ज्यादा एक्सरसाइज करने की होती है जरूरत? जानिए कारण

जयंती विशेष: क्या थी राजा राम मोहन राय की सती प्रथा के खिलाफ आंदोलन की कहानी, कैसे बने महान समाज सुधारक

अगला लेख