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happy mothers day 2020 : मां के बारे में किसने क्या कहा, जानिए यहां

हमें फॉलो करें happy mothers day 2020 : मां के बारे में किसने क्या कहा, जानिए यहां
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डॉ. छाया मंगल मिश्र

धर्म शास्त्रों के अनुसार माता सबसे पहले पूजनीया है.- शिवराम कवि(तेलगु)
जननी की शक्ति संसार में सबसे महान है और माता के हृदय से बढ़ कर कोई शास्त्र नहीं. - राम कुमार वर्मा.

मैं जो कुछ भी हूं मातृ-निर्मित हूं.- जान क्विन्सी एडम्स.

पालना झुलाने वाला हाथ वह हाथ है जो जगत पर शासन करता है.- विलियम रॉस वालेस.

जननी सदैव ही जननी है, जीवित वस्तुओं में पवित्रतम.- कालरिज.

मैं जो कुछ भी हूं या होने की आशा करता हूं, उसका श्रेय मेरी दिव्य माता को है.- अब्राहम लिंकन.

विश्व में मातृत्व आदर्श संबंध है. ‘माता’ शब्द वह अनंत तट है जिस के पोताश्रय पर सभी भारतीय आत्माओं को आश्रय मिलता है.- भगिनी निवेदिता.
माताएं ही भविष्य के विषय में विचार कर सकती हैं, क्योंकि वे अपनी संतानों में भविष्य को जन्म देतीं हैं.- मैक्सिम गोर्की.
जो कुछ मैं हूं वो मां का बनाया हुआ हूं.- दादा भाई नैरोजी.  
जीव जगत की सृष्टि करने वाले का सबसे श्रेष्ठ दान माता का स्नेह है.- शरतचंद्र.
मनुष्य जीवन में एक स्थान ऐसा चाहता है जहां तर्क, विचार और विवेचना न रहे, रहे केवल श्रद्धा. संभवतः इसी कारण मां का सृजन हुआ होगा.- सुभाष चन्द्र बोस.
जननी ही वेद है, शास्त्र है. जननी ही जप, तप और गुरु है.जननी सब कुछ और सर्वस्व है. जननी को धिक्कार करने वाले को अधम गति प्राप्त होती है.- तिरुपति वेंकटवुलु.
जब तक माता जीवित रहती है, मनुष्य सनाथ रहता है और उसके न रहने पर वह अनाथ हो जाता है.- वेदव्यास.
मनुष्यों के लिए तो माता अवश्य ही देवताओं की भी देवता है. संतान के लिए माता का हस्त-स्पर्श प्यासे के लिए जल-धारा के समान है.- भास
एक शब्द में मां को ‘लय’ कहूंगा –जीवन का, व्यक्तित्व का और नारीत्व का भी.- प्रेमचंद.
कहीं कुपुत्र तो जन्म ले सकता है पर माता कभी कुमाता नहीं होती.- शंकराचार्य .
मातृपद ही संसार का श्रेष्ठ पद है, क्योंकि यही एक ऐसी स्थिति है जहां निस्वार्थता की महत्तम शिक्षा प्राप्त की जा सकती है.- स्वामी विवेकानन्द.
माताएं ही सब संसार को उठा सकतीं हैं. माताएं ही देश को उठा या गिरा सकतीं हैं. माताएं ही प्रकृति के ज्वार में उतार व प्रवाह ला सकतीं हैं. महापुरुष सदा ही श्रेष्ठ माताओं के पुत्र हुआ करते हैं.- स्वामी राम तीर्थ.

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