हैप्पी मदर्स डे 2023 : मां बन कर मां को जाना

Webdunia
शान्ता पारेख
 
मां तो मां होती ही है पर कई बार इतनी मां मिल जाती किसी को,कभी एक भी नहीं। मां वह होती जो खुद से ज्यादा दूसरे की फिक्र करे। इसलिए कभी पति, पड़ोसन,सहेली,घर की मैड,आफिस का साथी भी मां हो सकता है।

एक बार एक बेटी ने मां को पत्र लिखा, जिसमें उसने एक साल के बेटे के दूध नहीं पीने से मैं कितनी परेशान हो जाती हूं बेचैनी बढ़ जाती नींद नहीं आती,तब तुम्हारी याद आती कि तुम क्यों खाना या दूध फल ले ले हमारे पीछे घूमती थी, हम कितना गुस्सा करते पर तुम कभी न थकती, आज मां बन कर जान सकी हूं  तुमको, मां को समझने के लिए मां बनना जरूरी है।

ये पत्र संविधानवेत्ता लक्ष्मीमल सिंघवी की बेटी ने अपनी उपन्यासकार मां को लिखा था।
ALSO READ: वामा साहित्य मंच ने मनाया मातृ दिवस, कविताओं और लघुकथा में बताई मां की महिमा

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

शरीर में इसलिए मारता है लकवा! कहीं आप तो नहीं कर रहे ये गलतियां? जानें बचाव

नवरात्रि में अपनाएं ये काम के Waterproof Makeup Tips, गरबे में रातभर टिका रहेगा makeup

जानिए देश की पहली ट्रांसवुमन पायलट नैना मेनन की हौसले से लबरेज कहानी

क्या ज्यादा पानी पीना दिल के मरीजों के लिए हानिकारक है? जानिए क्या है सच्चाई

बुखार न होने के बाद भी किस वजह से रहता है बच्‍चों का माथा गर्म? क्या ये है खतरे की बात

सभी देखें

नवीनतम

35 पार की महिलाओं के लिए ये सुपर फूड्स हैं बहुत ज़रूरी

Navratri Skincare Tips : इस Festive Season चाहिए बेदाग चेहरा? तो इन HomeMade Toners से पाएं ग्लोइंग लुक

International Daughters Day 2024: अंतरराष्ट्रीय बेटी दिवस क्यों मनाया जाता है?

मनोरंजक बाल कविता : खुशबू की पिचकारी

अगला लेख
More