Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

बच्चों के साथ लंच व डिनर पर जा रहे हैं, तो इन बातों पर जरूर ध्यान दें

हमें फॉलो करें बच्चों के साथ लंच व डिनर पर जा रहे हैं, तो इन बातों पर जरूर ध्यान दें
webdunia

नम्रता जायसवाल

क्या आप भी छोटे-छोटे बच्चों के माता-पिता हैं? यदि हां, तो आप भी उन्हीं परेशानियों से जूझते होंगे जिनका कि बाकी पैरेंट्स भी सामना करते हैं। इन्हीं परेशानियों में से एक है- छोटे बच्चों के साथ कहीं बाहर लंच व डिनर पर जाना। बच्चे न तो खुद सीधे बैठते हैं और न ही आपको लंच व डिनर का आनंद लेने देते हैं। परेशानी तब और बढ़ जाती है, जब आपके बच्चे की शरारतों से रेस्टॉरेंट व होटल में बैठे आस-पास के लोगों को भी तकलीफ हो। ऐसे में दूसरे लोगों का भी लंच व डिनर के लिए बाहर आना स्पॉइल हो जाता है।
 
यदि आप अपने छोटे बच्चे या बच्चों को साथ लेकर खाना खाने के लिए किसी रेस्टॉरेंट व होटल में जा रहे हैं, तो आपको कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। आइए, जानते हैं कौन सी?
 
1. सही रेस्टॉरेंट का चुनाव करें
 
ऐसा रेस्टॉरेंट चुनें, जहां फैमिली ज्यादा आती हो यानी कि फैमिली रेस्टॉरेंट हो, न कि वे जगह जहां आप दोनों बच्चों के जिंदगी में आने से पहले घंटों बिताया करते थे। कई रेस्टॉरेंट व कैफे ऐसे होते हैं, जहां कपल्स का डेरा जमा हो तो, वैसी जगह आप बच्चों के साथ न जाएं।
 
2. सही टेबल चुनें
 
यदि आप बच्चों के साथ हैं तो कोने वाली टेबल पर ही बैठें। ऐसा करने से यदि आपके बच्चे खेलेंगे व मस्ती करेंगे भी तो ज्यादा लोग इससे प्रभावित नहीं होंगे।
 
3. किड्स फ्रैंडली रेस्टॉरेंट भी जा सकते हैं
 
कई ऐसे रेस्टॉरेंट होते हैं, जहां कुछ क्षेत्र बच्चों के खेलने-कूदने के लिए ही बना होता है। वहां बच्चों के लिए कुछ झूले व फिसलपट्टी आदि लगी होती हैं। इस तरह के रेस्टॉरेंट में आपके बच्चों का भी मन लगेगा और आप भी लंच व डिनर का आनंद ले पाएंगे। साथ ही जो लोग यहां आएंगे, उनमें से ज्यादातर आप ही की तरह बच्चों के पैरेंट्स होंगे, ऐसे में यदि आपका बच्चा मस्ती भी करता है, तब भी आप ज्यादा असहज नहीं महसूस करेंगे।
 
4. बच्चा यदि थका हुआ हो या उसकी नींद पूरी नहीं हुई हो तो उसे बाहर न ले जाएं। ऐसे में बच्चे चिड़चिड़ाने लगते हैं, किसी भी बात पर रो सकते हैं, किसी को भी मार सकते है, काट सकते हैं या रेस्टॉरेंट की चीजें यहां-वहां फेंक सकते हैं। ऐसे में आपको उन्हें संभालना और रोते बच्चों को चुप करवाना मुश्किल हो जाता है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बालगीत : ई-मेल से धूप