अमलनेर में श्री मंगल देवता के स्थान को प्राचीन और जागृत स्थान माना जाता है। यहां पर मंगलवार को लाखों भक्त पूजा और दर्शन करने आते हैं। यहां उनका मंगल दोष भी शांति होता है और मंगल देव की कृपा से मनोकामना भी पूर्ण होती है। आओ जानते हैं इस स्थान की 10 प्रमुख बातें।
1. मूर्तियां हैं अद्भुत : यहां पर मंगल देवी की मूर्ति उन्हीं के पौराणिक रूप में विद्यमान हैं। यह देश दुनिया की एकमात्र ऐसी मूर्ति है जो मंगलदेव के स्वरूप में हैं। मंगलदेव की मूर्ति पर हाल ही में वज्रलेप किया गया है। यहां पर 'भूमाता' और 'पंचमुखी हनुमान' मंदिर भी है। विश्व का पहला भूमाता मंदिर यहीं पर स्थित होना माना जाता है। भूदेवी यानी भूमाता का संबंध दक्षिण भारत से अधिकतर माना जाता है। श्री भूवराहनाथ स्वामी मंदिर कर्नाटक में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है।
2. निकलती हैं पालकी : मलनेर स्थित मंगलग्रह सेवा संस्थान द्वारा हर मंगलवार को निकलने वाली पालकी शोभायात्रा हजारों श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है। शाम करीब पांच बजे श्री मंगलग्रह मंदिर परिसर में भगवान मंगल की पालकी शोभायात्रा निकाली जाती है। प्रारंभ में विभिन्न फूलों से सजी एक पालकी को मंदिर के सामने बेहद आकर्षक रंगोली के स्थान पर रखा जाता है। आकर्षक सजे-धजे भाले, चोपदार, श्री मंगलग्रह सेवा संस्था के अध्यक्ष, मंदिर के ट्रस्टी और हजारों भक्तों की उपस्थिति में, मेजबान द्वारा पालकी में मंगल देव की मूर्ती और पादुकाओं का मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया जाता है। फिर पालकी निकलती है।
3. अनोखा और स्वादिष्ट है यहां का प्रसाद :मंगल देव के मंदिर में दो तरह से प्रसाद मिलता है। पहला तो मंदिर संस्थान द्वारा पूजा और आरती के बाद नि:शुल्क प्रासद वितरण होता है, जो पंचामृत के साथ ही पंजीरी प्रसाद होता है। इसके अलावा दूसरे तरह का प्रसाद मंदिर के बाहर मिलता है। आप मंगलदेव को फूल, नारियल आदि के साथ प्रसाद अर्पित करना चाहें तो यह प्रसाद आपको मंदिर के बाहर से उचित मूल्य पर मिल जाएगा। दोनों ही तरह के प्रसाद बहुत ही स्वादिष्ट और अद्भुत होता है। मंदिर परिसर में ही आप रेवा महिला गृह उद्योग द्वारा निर्मित प्रसाद के रूप में आप स्वादिष्ट पेढ़ा ले सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो यहां लगी दुकानों से उचित मूल्य पर गुड़ और सफेद तिल की रेवड़ी के साथ ही गोड़ सेव नाम का प्रसाद मिलता है जो केसरिया रंग का गुड़ का प्रसाद है, इसे जरूर लें। यह बहुत ही स्वादिष्ठ प्रसाद है जो कभी भी खराब नहीं होता है।
4. मंगल दोष दूर करने के लिए आते हैं दूर-दूर से लोग : मंगलवार को अमलनेर के मंगल ग्रह मंदिर में मंगलदेव की विशेष पूजा होती है। यदि आप मांगलिक हैं तो यहां पर अभिषेक कराएं। यहां पूजा और अभिषेक कराने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। मंगल की पूजा के बाद वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी खड़ी नहीं होती है।
5. रोग होता है दूर : यदि आप या आपके परिवार में कोई किसी रोग से ग्रस्त हैं तो मंगलदेव की कृपा जरूर प्राप्त करना चाहिए, क्योंकि मंगलदेव सर्वरोगापहारक देव हैं। यहां पर दूर दूर से लोग अपनी परिजनों के स्वास्थ्य की कामना से भी आते हैं। यहां पर इसके लिए विशेष पूजा होती है।
6. इन लोगों के आराध्य देव हैं मंगलदेव : यदि आप किसान, इंजीनियर, बिल्डर, ब्रोकर, पुलिस, सैनिक या राजनीतिज्ञ हैं तो आपको मंगलदेव के मंदिर में जाकर उनके दर्शन जरूर करना चाहिए क्योंकि वे इसी क्षेत्र के आरोध्य देव हैं। इसी क्षेत्र में आप तरक्की करना चाहते हैं तो यहां पर मंगलदेव को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार को यहां पर विशेष पूजा और आराधना होती है। इसी दिन मंगलदेव की शोभायात्रा भी निकाली जाती है, जो कि बहुत ही सुंदर होती है।
7. प्राकृतिक स्थान : मंदिर क्षेत्र में ही सुंदर गार्डन और प्राकृतिक स्थान है। यह लोगों के बीच पिकनिक स्पॉट और पर्यटक के रूप में भी प्रसिद्ध हो चुका है। परिसर या मंदिर क्षेत्र में किसी भी प्रकार का कार्यक्रम आयोजित करने के लिए मंदिर प्रबंधन की अनुमति जरूरी है।
8. भोजन और ठहरने की व्यवस्था : मंदिर क्षेत्र में भक्तों के रहने, ठहरने और दर्शन करने की उचित व्यवस्था है। इसी के साथ ही उचित मूल्य पर खाने की भी उत्तम व्यवस्था भी है। मात्र 54 रुपए में आप स्वादिष्ट और भरपेट भोजन कर सकते हैं। मंदिर के अंदर और बाहर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुक्ल नहीं लिया जाता है।
नहीं होता है वीआईपी दर्शन : खास बात यह है कि यहां पर किसी भी प्रकार का वीआईपी दर्शन भी नहीं होता है। सभी भक्तों को लाइन में लगकर ही मगंलदेव के दर्शन करना होते हैं। इस मंदिर में कोई छोटा या बड़ा नहीं है।
10. कैसे पहुंचे श्री मंगल देव मंदिर अमलनेर महाराष्ट्र | how to reach shri mangal dev graha mandir amalner maharashtra:
- जलगांव से अमलनेर की दूरी | jalgaon to amalner distance: यहां पहुंचने के लिए आप महाराष्ट्र के जलगांव पहुंचे। अमलनेर जलगांव जिले में ही स्थित एक गांव है। अमलनेर जलगांव से 58.1 किमी दूर है।
- धुले से अमलनेर की दूरी | dhule to amalner distance: आप यहां जाना चाहते हैं तो धुले नामक शहर पहुंचकर भी यहां से सड़क मार्ग से जा सकते हैं। धुले अमलनेर 36.4 किलोमीटर की दूरी पर है।
- अमलनेर से मंगलदेव मंदिर की दूरी | amalner to mangal dev mandir distance: अमलनेर गांव से श्री मंगल ग्रह के लिए मंदिर रास्ता करीब 2.5 किलोमीटर दूर का है। मंदिर तक के लिए कई वाहन उपलब्ध हैं।
पूरा पता है- मंगल ग्रह मंदिर, चौपड़ा रोड़, धनगर गली, अमलनेर, जिला जलगांव, महाराष्ट्र-425401 | Mangal Grah Mandir, Chopra Rd, Dhangar Galli, Amalner, Maharashtra 425401