इंदौर। महाराष्ट्र के बाहर निवासरत मराठी भाषियों की केंद्रीय संस्था बृहन्महाराष्ट्र मंडळ के 3 दिवसीय 71वें अधिवेशन के अंतर्गत दुसरे दिन शनिवार को पहले सत्र में अधिवेशन का औपचारिक उद्घाटन समारोह सुबह संपन्न हुआ। सांसद शंकर लालवानी, सदगुरु अण्णा महाराज, बाबा साहेब तराणेकर, अध्यक्ष मिलिंद महाजन और तरुण मंच के संयोजक प्रशांत बडवे तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
आपदाकाल में सहायता कार्य करने वाली समाज की संस्थाओं का सम्मान इस दौरान हुआ। पुस्तकों का विमोचन समारोह भी इस दौरान हुआ। दोपहर के सत्र की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक भैया जी जोशी के व्याख्यान से हुई।
आपने राष्ट्र निर्माण में सामाजिक संस्थाओं की भूमिका विषय पर संबोधित करते हुए समाजजनों से आग्रह किया कि यदि समाज में विरोधी तत्व पनपते हैं तो उन्हें सुधारने की और सही रास्ते पर लाने की जिम्मेदारी समाज को उठानी चाहिए।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मुख्य आतिथ्य में जीवन गौरव पुरस्कार आईआई टी कानपुर के निदेशक अभय करंदीकर को प्रदान किया गया। फडणवीस ने संबोधित करते हुए कहा की महाराष्ट्र के बाहर निवासरत मराठीभाषियों ने मराठी संस्कृति के साथ ही सनातन हिन्दू संस्कृति की भी पूर्ण जतन से रक्षा करते हुए उसका विस्तार किया है।
राष्ट्र के विकास में योगदान देने का कार्य आप सभी कर रहे हैं। आपने आश्वस्त किया कि महाराष्ट्र में बैठकर एक बड़े भाई की भूमिका का निर्वाह करते हुए आपकी समस्त आवश्यकताओं का ध्यान रखना महाराष्ट्र शासन का कर्तव्य है।
नई दिल्ली में समाज के भवन निर्माण कार्य में सभी तरह का सहयोग देने का आश्वासन भी आपने दिया। स्वातंत्र्य वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग उठने पर आपने कहा कि सावरकर भारत के रत्न है सिर्फ उसे अधिकृत रूप से स्वीकार करना है ताकि उनके कार्यों पर उठने वाले सवाल बंद हो जाए।
शाम के सत्र में गौरव रणदिवे के मुख्य आतिथ्य में देश के सुविख्यात गायक कलाकार मुग्धा वैशंपायन और प्रथमेश लघाटे ने मराठी गीतों, अभंग और भजनों की प्रस्तुति से सबको मुग्ध किया। इन्हें सुनने के लिए सभागृह में हजारों की संख्या में श्रोता उपस्थित थे।
रविवार की सुबह 8 बजे शहर के समस्त मराठी भाषी तिलक प्रतिमा पलासिया से सावरकर प्रतिमा स्थल जनजीरवाला चौराहा पर जुलूस के रूप में पहुंचेंगे।
यहां सावरकर प्रतिमा को माल्यार्पण के साथ सरकार से मांग की जाएगी की वीर सावरकर को शीघ्र भारत रत्न प्रदान किया जाए। सुविख्यात वक्ता और कीर्तनकार चारुदत आफले का सम्मान और व्याख्यान भी प्रतिमा स्थल पर होगा। Edited By : Sudhir Sharma