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Amalner: मंगल देव ग्रह मंदिर में मात्र 54 रुपए में ही क्यों भरपेट भोजन?

हमें फॉलो करें Amalner: मंगल देव ग्रह मंदिर में मात्र 54 रुपए में ही क्यों भरपेट भोजन?
, शनिवार, 4 फ़रवरी 2023 (15:06 IST)
Shri Mangal Dev Graha Mandir Amalner: महाराष्ट्र के जलगांव के पास अमलनेर में श्री मंगल देव ग्रह देवता का एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पर हर मंगलवार को लाखों भक्त मंगल दोष की शांति कराने के लिए आते हैं। यहां पूजा और अभिषेक कराया जाता है जिससे मांगलिक दोष दूर हो जाता है। इसी के साथ ही यहां पर बालू, खेती और गृह निर्माण का कार्य करने वालों के साथ ही राजनीति, सेना और पुलिस सेवा से जुड़े लोग भी दर्शन करने के लिए आते हैं।
 
मंगल देव के मंदिर में राज्य और देश के कोने-कोने से आने वाले भक्तों के लिए यहां पर उत्तम भोजन और पानी की व्यवस्था के साथ ही ठहरने की व्यवस्था भी की गई है। यहां पर दर्शन करने के लिए सभी को लाइन में लगना रहता है किसी भी प्रकार की वीआईपी व्यवस्था नहीं है। मंदिर में सभी भक्त समान हैं।
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यहां भक्तों के लिए जो भोजन मिलता है वह बहुत ही स्वादिष्ट भोजन है, जो मात्र 54 रुपए में प्राप्त होता है। 54 इसलिए क्योंकि 9 अंक मंगल देव का अंक माना जाता है। मात्र 54 रुपए में आपको भरपेट दिए जा रहे भोजन में गुड़ की जलेबी, दाल, चावल, बैंगन की सब्जी और बट्टी आदि मिलता है। यहां का भोजन प्रसाद शुद्ध घी में बनाया जाता है। 
 
भोजन करने के लिए बैठने की भी उचित व्यवस्था की गई है। कुर्सी-टेबल पर बैठकर आप आराम से भोजन कर सकते हैं, लेकिन यदि आप भूमि पर बैठकर भोजन करना चाहते हैं तो उसके लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है।
 
खाने के बाद थाली को कूड़ेदान में डालते वक्त थाली में भोजन फेंका तो नहीं जा रहा? इसका सेवकों द्वारा निरीक्षण किया जाता है और व्यर्थ भोजन को खत्म करने का आग्रह किया जाता है। सेवेकरीयों की इस कार्य के प्रति निष्ठा को देखते हुए ट्रस्टियों द्वारा कुछ युवा कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी किया गया था।
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कुछ भक्त आवश्यकता से अधिक भोजन ले लेते हैं। भोजन परोसते समय भक्तों से आग्रह किया जाता है कि वे थाली में उतना ही भोजन लें जितना वे ग्रहण कर सकें। फिर भी कुछ लोग जरूरत से ज्यादा भोजन ले लेते हैं। इस कारण यह बर्बाद होता है। सेवकों द्वारा इसका विशेष ध्यान रखा जाता है।
 
सेवादारों में नीलेश पवार, नयन दाभाड़े, सुनील चव्हाण, विशाल दाभाडे, अक्षय राजपूत आदि कई लोग मंगलदेव मंदिर में सेवा दे रहे हैं। यहां के भोजनगृह प्रमुख प्रधान हेमंत गुजराती हैं।
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