Mangal dosh : कुंडली में मांगलिक दोष की बाधाएं और उपाय

श्री डिगंबर महाले
ज्योतिष या कुंडली शास्त्र में मंगल दोष या व्यक्ति के मांगलिक होने की चर्चा हमेशा की जाती है। कुंडली में मंगल होना चिंता का कारण माना जाता है। किंतु इस दोष के निवारण हेतु पवित्र भाव से विधि-विधान पूर्ण किया जाए तो मंगल दोष का परिहार हो सकता है। 
 
प्रथमत: मंगल दोष क्या है? या मांगलिक होना क्या है? इस विषय पर हम चर्चा करेंगे। विवाहयोग्य वर या वधू की जब प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादशं भाव में मंगल का स्थान होता है, तब उसे मंगल दोष या मांगलिक कहा जाता है। इस प्रकार का दोष विवाह के लिए अशुभ माना जाता है। इस प्रकार के दोष निवारण के लिए लग्नविधि पूर्व प्राथमिक उपाय माना गया है कि जिसकी कुंडली में मंगल स्थान का दोष है, उसका विवाह मांगलिक वर या वधू से किया जाना योग्य है। जैसे लोहा लोहे को काटता है, उसी प्रकार से मांगलिक व्यक्ति दंपति व्यक्ति जीवन में एक-दूसरे के प्रभाव से शांतिपूर्ण व्यवहार अनुभव कर सकते हैं। किंतु इस प्रकार की योजना मंगल के सभी स्थानों के लिए पर्याप्त नहीं है। मंगल का स्थान कहां है, इसी का प्रभाव जानकर उपाय का प्रबंधन जरूरी होता है।

विवाह कुंडली में मंगल का आठवां और बारहवां स्थान उपद्रवी माना गया है। मात्र सामान्य तौर पर इन स्थानों में बैठा मंगल कभी-कभार सामर्थ्य भी प्रदान करता है।
 
विवाह कुंडली में प्रथम स्थान का मंगल व्यक्तित्व को बहुत अधिक तीक्ष्ण बना देता है। चौथे स्थान का मंगल व्यक्ति को कड़ी पारिवारिक पार्श्वभूमि देता है। सातवें स्थान का मंगल व्यक्त‍ि को अपने साथीदार या सहयोगी के प्रति कठोर बनाता है। विवाह कुंडली में मंगल का सातवें स्थान पर होना इसीलिए चिंता का भाव निर्माण करता है। आठवें और बारहवें स्थान का मंगल आयु और शारीरिक क्षमताओं को प्रभावित करता है किंतु इन स्थानों पर अगर मंगल अच्छे प्रभाव में बैठा है तो व्यक्ति को व्यवहार में मंगल के गुणों का समर्थन मिल सकता है।
 
मांगलिक व्यक्ति लालिमा वाले मुख के होते हैं। स्वभावत: वे कठोर निर्णय लेते हैं। उनकी भाषा और उच्चारण कठोर होते हैं। वे लगातार काम में व्यस्त रहते हैं। अपना काम वे नियोजन से करते हैं। वे अनुशासनप्रिय हैं और दूसरों से अनुशासनानुसार काम की सहायता चाहते हैं। मांगलिक व्यक्ति में एक दोष यह भी पाया गया है कि वे विभिन्न लिंग के प्रति कम आकर्षित होते हैं। इसी गुणाधार पर गैर मांगलिक व्यक्ति मांगलिक दोष के व्यक्ति के सान्निध्य में ज्यादा देर नहीं रह पाता है।
 
कुंडली में मंगल दोष का निवारण ग्रहों के तालमेल से नहीं होता है तो व्रत और विधि अनुष्ठान द्वारा इसका उपचार हो सकता है। उपवर वधू मंगला गौरी और वट सावित्री का व्रत धारण कर सौभाग्य प्राप्त कर सकती है। अगर जाने-अनजाने मंगली का विवाह इस दोष से रहित वर से होता है तो दोष निवारण हेतु इस व्रत का अनुष्‍ठान करना लाभदायी होता है।
जिस कन्या की कुंडली में मंगल दोष होता है, वह अगर विवाह से पूर्व गुप्त रूप से घट से अथवा पीपल के वृक्ष से विवाह कर ले तो फिर मंगल, दोषरहित हो जाता है।
 
प्राण प्रतिष्ठित विष्णु प्रतिमा से अगर मांगलिक उपवर वधू विवाह करती है तो पश्चात मांगलिक दोष का परिहार हो जाता है।
 
मंगलवार के दिन व्रत रखकर सिन्दूर से हनुमानजी की पूजा करने से एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने से मंगल दोष शांत होता जाता है। कार्तिकेयजी की पूजा से भी इस दोष में लाभ मिलता है।
 
महामृत्युंजय मंत्र का जप सर्वबाधा का नाश करने वाला माना गया है। इस मंत्र से मंगल ग्रह की शांति करने से भी वैवाहिक जीवन में मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
 
मंगल दोष निवारण हेतु कई विधि-विधान या अनुष्ठान मंगल ग्रह मंदिर (अमलनेर, जि. जलगांव, महाराष्ट्र) यहां पर किए जाते हैं। अनुभवी विशेषज्ञ सटीक पूजा विधान करते हैं जिससे साधक को मंगल दोष निवारण का लाभ मिलता है।
 
इसलिए हम आवाहन करते हैं कि मंगल दोष के निवारण हेतु अन्य कई उपाय भी साधक को लाभदायी होते हैं। मात्र किस प्रकार की विधि-विधान या विधि अनुष्ठान किया जाए, इसका उपाय मात्र शास्त्र विशेषज्ञ ही बता सकते हैं।
 
इसलिए अमलनेर स्थित मंगल ग्रह देवता दर्शन और मंगल दोष निवारण अनुष्ठान हेतु साधक संपर्क कर सकते हैं।
ALSO READ: मंगलदेव और अमलनेर का क्या है कनेक्शन? जानिए खास बातें

ALSO READ: Amalner: अमलनेर के मंगलग्रह मंदिर में स्थित मंगलदेव की मूर्ति की क्या है खासियत?

ALSO READ: अमलनेर स्थित मंगलदेव के मंदिर में मिलता है मंगल ग्रह का पौधा

सम्बंधित जानकारी

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेंगे धनलाभ के अवसर, जानिए 23 नवंबर का राशिफल

23 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Vrishchik Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: वृश्चिक राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह की 20 खास बातें

अगला लेख
More