मंगलदेव के मंदिर में पंचामृत अभिषेक है सबसे खास, 1 साल की वेटिंग

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महाराष्ट्र के जलगांव के पास अमलनेर में मंगलदेव का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर मंगलदेव की स्वयंभू और जागृत मूर्ति है जो भूमाता और पंचमुखी हनुनुमान जी के साथ विराजमान है। यहां पर मंगल दोष की शांति हेतु प्रति मंगलवार हजारों लोग अभिषेक कराने के लिए आते हैं। यहां पर 5 तरह के अभिषेक होते हैं। पंचामृत अभिषेक, अभिषेक, स्पेशल अभिषेक, हवनात्मक अभिषेक और भोमयाज्ञ अभिषेक किया जाता है। सभी का अलग-अलग महत्व है।

पंचामृत अभिषेक : यहां पर सबसे पहले होता है अमृताभिषेक। यह अभिषेक प्रात:काल 5 बजे प्रारंभ होता है इसके बाद आरती होती है। इस पंचामृत अभिषेक को अमृताभिषेक भी कहते हैं। दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से इस अभिषेक को किया जाता है।
इस अभिषेक को यहां पर विद्वान पंडित प्रसाद भंडारी गुरुजी कराते हैं। इसके लिए करीब 2 घंटे लगते हैं। इस अभिषेक के लिए यहीं से एक ही श्राद्धालु परिवार को पूजा का सामान प्राप्त होता है। मंगलवार को पंचामृत अभिषेक की तरह की प्रतिदिन प्रात: 5 बजे के करीब नित्य प्रभात 'श्री मंगलाभिषेक' भी किया जाता है। इसके लिए भी करीब 2 घंटे लगते हैं। अमृताभिषेक के लिए पहले से ऑनलाइन बुकिंग कराना होती है जिसके लिए फिलहाल 1 वर्ष से ज्यादा की वेटिंग चल रही है।
 
बाकी के अभिषेक भी उन्हीं के सानिध्य में पंडितों की एक टीम अभिषेक कराती है। कहते हैं कि यहां पर मंगलवार को आकर की गई मंगल पूजा और अभिषेक से शर्तिया मंगल दोष से मुक्ति मिल जाती है और जातक सुखी वैवाहिक जीवन यापन करता है।

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