मांगलिक दोष की शांति के लिए मंगलग्रह मंदिर में कैसे होता है सामूहिक अभिषेक?

Webdunia
मंगलवार, 2 मई 2023 (07:02 IST)
Mangal Grah Mandir Amalner : महाराष्ट्र के जलगांव जिले के अमलनेर में स्थित मंगल ग्रह के प्राचीन मंदिर में प्रति मंगलवार को हजारों की संख्या में लोग मंगल देव के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर मंगल दोष की शांति के लिए भोमयाज्ञ अभिषेक, पंचामृत अभिषेक, नित्य प्रभाव श्री मंगलाभिषेक, स्वतंत्र अभिषेक, समूह अभिषेक और हवनात्मक अभिषेक किया जाता है।
 
यदि आपकी कुंडली में मांगलिक दोष है या विवाह कार्य में कोई रुकावट आ रही है तो आप सामूहिक अभिषेक भी करा सकते हैं। आप भूमि, बालू, खेती किसानी, भूमि विवाद, बिल्डर्स, प्रॉपर्टी आदि से संबंधित व्यापार में सफल होना चाहते हैं तो भी आपको यहां पर सामूहिक अभिषेक और पूजा करवाना चाहिए।
 
सामूहिक अभिषेक में आपको मंदिर संस्थान की ओर से ही अभिषेक एवं पूजा की थाली और समग्री दी जाती है। अभिषेक के बाद मंगल यंत्र, प्रसाद, मंगल चालीसा, मंगलदेव का चित्र आदि भी आपको इसी के साथ भेंट कर दिया जाता है।
सामूहिक अभिषेक में पहले गणेशजी का अभिषेक और पूजन किया जाता है। उसके बाद मंगल देव का अभिषेक और पूजन कराया जाता है। इस संपूर्ण प्रक्रिया में करीब 1 घंटा लगता है। सामूहिक अभिषेक कराने के लिए आपको काउंटर से रसीद कटवाना होती है या आप चाहें तो ऑनलाइन बुकिंग भी करा सकते हैं क्योंकि सैंकड़ों की संख्या में लोग अभिषेक कराने के लिए आते हैं और वेटिंग रूप में इंतजार करते हैं।
 
यहां पर विद्वान पंडितों की एक टीम यह अभिषेक कराती है। पंडित और विद्वानों की टीम में पंडित प्रसाद भंडारी गुरुजी हैं और प्रमुख पुरोहित केशव पुराणिक हैं। दोनों के ही सानिध्य में पंडितों की टीम पूजा और अभिषेक कराती हैं। तुषार दीक्षित, अतुल दीक्षित, जयेंद्र वैद्य, मंदार कुलकर्णी, अक्षय जोशी, नरेंद्र उपासनी, हेमंत गोसावी आदि के साथ ही वादक अंकुश जोशी और चंद्रकांत जोशी भी शामिल हैं।
बाकी के अभिषेक भी पंडितों की एक टीम द्वारा संपन्न कराए जाते हैं। कहते हैं कि यहां पर मंगलवार को आकर की गई मंगल पूजा और अभिषेक से शर्तिया मंगल दोष से मुक्ति मिल जाती है और जातक सुखी वैवाहिक जीवन यापन करता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

तुलसी विवाह देव उठनी एकादशी के दिन या कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं?

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

आंवला नवमी कब है, क्या करते हैं इस दिन? महत्व और पूजा का मुहूर्त

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

सभी देखें

धर्म संसार

MahaKumbh : प्रयागराज महाकुंभ में तैनात किए जाएंगे 10000 सफाईकर्मी

10 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

10 नवंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Tulsi vivah 2024: तुलसी विवाह के दिन आजमा सकते हैं ये 12 अचूक उपाय

Dev uthani gyaras 2024 date: देवउठनी देवोत्थान एकादशी व्रत और पूजा विधि

अगला लेख
More