Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

मकर संक्रांति सूर्य का त्योहार, जानिए कैसे करें व्रत, मुहूर्त, पूजा की पौराणिक विधि और शुभ मंत्र

हमें फॉलो करें मकर संक्रांति सूर्य का त्योहार, जानिए कैसे करें व्रत, मुहूर्त, पूजा की पौराणिक विधि और शुभ मंत्र
हिन्दू धर्म के अनुसार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना मकर-संक्रांति कहलाता है। मकर-संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं। इस दिन व्रत और दान (विशेषकर तिल के दान का) का काफी महत्व होता है। सूर्य ज्ञान, आध्यात्म और प्रकाश का प्रतीक है।
मकर संक्रांति 2022 
स्नान, दान और पूजन के शुभ मुहूर्त 
 
खास संयोग : 
मकर संक्रांति विशेष शुक्ल, साध्य, ब्रह्म योग और आनन्दादि योग
रोहिणी नक्षत्र रहेगा। 
इस बार मकर संक्रांति मिश्रिता है।
webdunia
ब्रह्म मुहूर्त : प्रात: 05:38 से 06:26 तक।
मकर संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त : दोपहर 02:12:26 से शाम 05:45:10 तक।
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:14 बजे से 12:57 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 1:54 से 02:37 तक।
अमृत काल : शाम 04:40 से 06:29 तक।
गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:18 से 05:42 तक।
यह सूर्य भगवान का त्योहार है इस दिन पर सूर्य दक्षिण की यात्रा समाप्त करते हैं और उत्तर दिशा की तरफ बढ़ते हैं।
 
मकर संक्रांति व्रत विधि
इस दिन पावन नदियों में श्रद्धापूर्वक स्नान करें। इसके बाद, पूजा-पाठ, दान और यज्ञ क्रियाओं को करें। तीर्थों में या गंगा स्नान और दान करने से पुण्य प्राप्ति होती है। कोरोना काल में सावधानियां रखना जरूरी है अत: घर में ही गंगाजल मिश्रित पानी से स्नान करें और गंगाजल का आचमन करें। 
 
प्रातः काल नहा-धोकर भगवान शिव जी की पूजा तेल का दीपक जलाकर करें। भोलेनाथ की प्रिय चीजों जैसे धतूरा, आक, बिल्व पत्र इत्यादि को अर्पित करें।
 
भविष्यपुराण के अनुसार सूर्य के उत्तरायन या दक्षिणायन के दिन संक्रांति व्रत करना चाहिए।
 
इस व्रत में संक्रांति के पहले दिन एक बार भोजन करना चाहिए।
 
संक्रांति के दिन तेल तथा तिल मिश्रित जल से स्नान करना चाहिए।
 
इसके बाद सूर्य देव की स्तुति करनी चाहिए। ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 
संक्रांति के पुण्य अवसर पर अपने पितरों का ध्यान और उन्हें तर्पण अवश्य प्रदान करना चाहिए।
 
सूर्यदेव को अर्घ्य दें। आदित्य हृदय स्तोत्र का 108 बार पाठ करें।
 
मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में सिद्ध सूर्य यंत्र को सूर्य मंत्र का जप करके पहनने से सूर्यदेव तरक्की की राह आसान बना देते हैं।
 
तिल युक्त खिचड़ी, रेवड़ी, लड्डू खाएं एवं दूसरों को भी खिलाएं।
 
ब्राह्मण को गुड़ व तिल का दान करें और खिचड़ी खिलाएं।
 
वेदों में वर्जित कार्य जैसे दूसरों के बारे में गलत सोचना या बोलना, वृक्षों को काटना और इंद्रिय सुख प्राप्ति के कार्य इत्यादि कदापि नहीं करना चाहिए।
 
जरूरतमंद को कंबल, वस्त्र, छाते, जूते-चप्पल इत्यादि का दान करें।
 
संक्रांति के दिन पुण्य काल में दान, स्नान व श्राद्ध करना शुभ माना जाता है।
webdunia
 
 
मकर संक्रांति पूजा मंत्र
 
मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव की निम्न मंत्रों से पूजा करनी चाहिए:
 
ॐ सूर्याय नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सप्तार्चिषे नम:
अन्य मंत्र हैं-
 
ऋगमंडलाय नम:,
ॐ सवित्रे नम:,
ॐ वरुणाय नम:,
ॐ सप्तसप्त्ये नम:,
ॐ मार्तण्डाय नम:,
ॐ विष्णवे नम:
 
मकर संक्रांति सूर्य मंत्र : ॐ ह्रीम ह्रींम ह्रौमं स: सूर्य्याय नमः
मकर संक्रांति के दिन इस विशेष सूर्य मंत्र का जाप किया जाना चाहिए। 
इस दिन सुबह अगर पढ़ लिया यह चमत्कारी खखोल्क मंत्र तो मिलेगी आश्चर्यजनक सफलता


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सूर्यदेव का पूजन कैसे करें, कौन-सा भोग लगाएं, कैसे चढ़ाएं अर्घ्य