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फ्री फायर जैसे खतरनाक ऑनलाइन गेम्स पर लगाम लगाने के लिए मध्यप्रदेश में बनेगा कानून, बोले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, ऑनलाइन गेम एक्ट जल्द

हमें फॉलो करें फ्री फायर जैसे खतरनाक ऑनलाइन गेम्स पर लगाम लगाने के लिए मध्यप्रदेश में बनेगा कानून, बोले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, ऑनलाइन गेम एक्ट जल्द
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विकास सिंह

, गुरुवार, 13 जनवरी 2022 (12:35 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में ऑनलाइन गेम के चलते लगातार बच्चों के खुद को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं के बाद अब सरकार खतरनाक ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने जा रही है। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि फ्री फायर जैसे बच्चों के लिए खतरनाक ऑनलाइन गेम पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार जल्द ऑनलाइन गेम एक्ट लाने जा रही है। नए कानून का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो गया है और जल्द ही इसे मूर्त रूप दिया जाएगा।
 
गृहमंत्री ने ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंधन लगाने की बात तब कहीं जब एक दिन पहले ही राजधानी भोपाल में पांचवी क्लास में पढ़ने वाले 11 साल के बच्चे ने फ्री फायर गेम की लत के चलते फांसी लगा ली। बच्चे के माता-पिता के मुताबिक बच्चा मोबाइल में फ्री फायर गमे खेलने का आदी था और ऑनलाइन गेम खेलने का इतना शौकीन था कि उसने गेम फाइटर की ड्रेस भी ऑनलाइन मंगवा ली थी। 
 
गौरतलब है कि ‘वेबदुनिया’ लगातार अपनी सामाजिक सरोकार की पत्रकारिता के तहत अपनी खबरों के माध्यम से ऑनलाइन गेम के बच्चों पर पढ़ने वाले खतरनाक असर को विस्तार से बताता रहा है। “ऑनलाइन गेम की गिरफ्त में बचपन, मानसिक बीमार के साथ हिंसक हो रहे बच्चे” के शीर्षक से प्रकाशित अपनी खबर में 'वेबदुनिया' ने इस मुद्दें को उठाते हुए बताया था कि ऑनलाइन मोबाइल गेम बच्चों का मानसिक सुंतलन बिगाड़ रहे है।
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क्या कहते हैं मनोचिकित्सक-ऑनलाइन गेम के बच्चों के मानसिक संतुलन पर पड़ने वाले प्रभाव को बताते हुए वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि ऑनलाइन गेम्स की लत के शिकार बच्चों के व्यवहार में अक्रामकता के साथ डिप्रेशन, एंग्जायटी और नॉवेल्टी सीकिंग प्रवृत्ति होना देखा गया है। कोरोनाकाल में बच्चों के घर में कैद होने के चलते मोबाइल पर उनकी निर्भरता बढ़ी है इसलिए गेम एडिक्शन के शिकार बच्चों की संख्या में बड़े पैमाने पर बढ़ोत्तरी है।
 
डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि कोरोना काल में जब बच्चों घरों में सीमित है पैरेंट्स को बच्चों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। कोरोना काल में 3-4 साल की उम्र में भी बच्चों में एग्रेशन देखने को मिल रहा है ऐसे में यह पैरेंट्स की जिम्मेदारी है कि बच्चों का अधिक ध्यान रखे।

बच्चों के सामने खुद ज्यादा मोबाइल न चलाएं, बच्चों को अपना समय जरूर दें, उनसे बाते करें, बच्चों के मन में क्या चल रहा है जानने की कोशिश करें,बच्चों को ऑनलाइन गेम की का ऑप्शन दें, बच्चों को ड्राइंग, डांस आदि करवाएं। अगर बच्चों को कुछ देर के लिए मोबाइल दे रहे हैं, तो अपने सामने ही गेम खेलने को कहें।
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पीएम मोदी भी जता चुके है चिंता-पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन और डिजिटल गेम्स के खतरों को लेकर चिंता जताते हुए कहा था कि अधिकांश गेस्स के कांसेप्ट या तो वॉयलेंस कोप्रमोट करते हैं या मेंटल स्ट्रेस का कारण बनते हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जितने भी ऑनलाइन या डिजिटल गेम्स मार्केट में हैं  उनमें से अधिकतर का कांसेप्ट भारतीय नहीं है।

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