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महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर महाविकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन में होगा बिखराव?

हमें फॉलो करें महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर महाविकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन में होगा बिखराव?

विकास सिंह

, शुक्रवार, 22 नवंबर 2024 (11:00 IST)
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के शनिवार को आने वाले नतीजों से पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर सत्तारूढ महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन में बयानबाजी और मुख्यमंत्री पद के दावे को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है।

महाविकास अघाड़ी की प्रमुख घटक दल कांग्रेस जो गठबंधन में राज्य की सबसे अधिक 101  सीटों पर चुनाव लड़ रही है उसके प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया है कि राज्य में कांग्रेस की  लीडरशिप में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनेगी। वोटिंग के ठीक बाद नाना पटोले ने का कि मतदान के रुझान से पता चलता है कि कांग्रेस को नई विधानसभा में अधिकतम सीटें मिलेंगी।

महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस-शिवसेना आमने-सामने- चुनाव नतीजों के आने से पहले नाना पटोले के इस बयान में महाविकास अघाड़ी में शामिल अन्य दलों को असहज कर दिया है। महाराष्ट्र में पहले से ही सीएम पद के दावेदार उद्ध ठाकरे के गुट के सांसद संजय राउत ने नाना पटोले के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस आलाकमान ने पटोले से कहा है कि वह मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे, तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उसके शीर्ष नेताओं राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को इसकी घोषणा करनी चाहिए। इसके साथ संजय राउत ने कहा कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन राज्य में 160 सीटें जीतने जा रहा है और एमवीए के एमवीए के बहुमत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री पद का चेहरा सभी गठबंधन सहयोगियों द्वारा संयुक्त रूप से तय किया जाएगा।
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वहीं महाविकास अघाड़ी के एक और प्रमुख दल शरद पवार की एनसीपी ने पहले ही राज्य में महिला मुख्यमंत्री का दांव चलकर अपनी दावेदारी पेश कर दी है। चुनाव प्रचार के दौरान एक चुनावी सभा में शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा भी जाहिर कर दी। शरद पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र में हर बार यह चर्चा होती है कि पहली महिला मुख्यमंत्री कब मिलेगी? महाराष्ट्र ने हमारे शासन के दौरान महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। इसके बाद ही पूरे देश में महिला आरक्षण लागू किया गया। आज ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा तक महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है, अब मैं महाराष्ट्र में एक महिला मुख्यमंत्री बनते हुए देखना चाहता हूं।

महायुति गठबंधन में भी CM चेहरे पर रार-वहीं चुनाव नतीजें आने से पहले महायुति गठबंधन में भी सीएम पद को लेकर आपसी खींचतान साफ दिखाई दे रही है।महायुति गठबंधन में शामिल और सूबे में सत्तारूढ़ दल एकनाथ शिंदे की शिवसेना के विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चेहरे के रूप में लड़ा गया था। मतदाताओं ने मतदान के माध्यम से शिंदे के लिए अपनी प्राथमिकता दिखाई है, ऐसे में मुझे लगता है कि अगला मुख्यमंत्री बनना शिंदे का अधिकार है और हमें विश्वास है कि वह अगले मुख्यमंत्री होंगे। वोटिंग से ठीक पहले एक निजी चैनल से बात करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वे सीएम पद की रेस में नहीं है।
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वहीं दूसरी ओर महायुति गठबंधन में शामिल भाजपा के नेता प्रवीण दरेकर ने मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम आगे किया है। प्रवीण दरेकर ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर बीजेपी से कोई सीएम बन रहा है तो वह देवेंद्र फडणवीस ही होंगे। हलांकि चुनाव के दौरान एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस दोनों ने खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार होने से इंकार कर दिया था। मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बारे में पूछे जाने पर देवेंद्र  फडणवीस ने कहा कि महायुति में शामिल तीनों दल एक साथ बैठकर इस पर निर्णय लेंगे।

वहीं महायुति गठबंधन में शामिल में एनसीपी के नेता अजित पवार पहले ही मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जता चुके है। वहीं जब एग्जिट पोल अजित पवार की एनसीपी को 20 से 30 सीटें मिलने का अनुमान जता रहे है तब उनके समर्थकों ने मुख्यमंत्री पद के लिए अजित पवार का नाम आगे कर दिया है।
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एग्जिट पोल्स के बाद सीएम चेहरे पर सियासी घमासान- महाराष्ट्र विधानसभा में मतदान के बाद आए एग्जिट पोल्स ने सीएम के चेहरे  को लेकर तकरार बढ़ा दी है। महाराष्ट्र को लेकर आए सभी एग्जिट पोल्स में राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर महायुति और महाविकास अघाड़ी गठबंधन में कांटे की टक्कर दिखा रहे है। पोल ऑफ पोल्स में राज्य में महायुति गठबंधन को 130-145 सीटें और महाविका अघाड़ी गठबंधन को 130-140 सीटें जीतने का अनुमान जता रहे है। दरअसल इस बार महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों गठबंधनों के बीच सीधा मुकाबला है। वहीं दिलचस्प बात यह है कि दोनों ही गठबंधन ने चुनाव से पहले अपने  किसी भी नेता को मुख्यमंत्री चेहरा नहीं घोषित किया था, ऐसे में अब नतीजों से पहले मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर सियासी घमासान छिड़ता दिख रहा है।

 

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