Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

महिला आरक्षण को लेकर क्यों निराश हैं पूर्व CM उमा भारती?

हमें फॉलो करें महिला आरक्षण को लेकर क्यों निराश हैं पूर्व CM उमा भारती?
भोपाल , मंगलवार, 19 सितम्बर 2023 (22:23 IST)
Uma Bharti on women reservation: भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कहा कि वह इस बात से निराश हैं कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाले विधेयक में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं है। इससे पहले मंगलवार को दिन में भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक पेश किया गया।
 
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया, लेकिन मुझे कुछ निराशा भी हो रही है क्योंकि यह ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण के बिना आया है। अगर हम ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित नहीं करते हैं, तो भाजपा में उनका विश्वास टूट जाएगा। भारती स्वयं भाजपा की एक प्रमुख ओबीसी नेता हैं।
 
भारती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर याद दिलाया कि पिछले दिनों जब इसी तरह का विधेयक लोकसभा में पेश किया गया था तो वह इसका विरोध करने के लिए अपनी सीट पर खड़ी हो गई थीं और बाद में उस विधेयक को स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था।
 
मुझे निराशा हुई : भारती ने कहा कि जब ओबीसी के लिए कुछ करने का समय आया तो हम पीछे हट गए। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास था कि प्रधानमंत्री इसका ध्यान रखेंगे। मैंने सुबह प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और बिल पेश होने तक चुप्पी साधे रखी। यह देखकर मुझे बहुत निराशा हुई कि विधेयक में ओबीसी आरक्षण नहीं है। मुझे निराशा हुई क्योंकि पिछड़े वर्ग की महिलाओं को जो मौका मिलना चाहिए था वह उन्हें नहीं दिया गया है।
 
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग की मुस्लिम महिलाओं को भी आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता है। सनातन धर्म के बारे में द्रमुक नेताओं द्वारा दिए गए विवादास्पद बयानों पर भारती ने कहा कि वे उस विचारधारा के हैं, जिसने तमिलनाडु में (दशकों पहले) 'जटा काट दो और तिलक मिटा दो' (ब्राह्मणवाद के प्रतीक के रूप में) आंदोलन शुरू कर दिया था, लेकिन आंदोलन लोगों को जटा, तिलक या 'जनेऊ' (पवित्र धागा) पहनने से नहीं रोक सका, ना ही किसी को मंदिर जाने से रोक सका।
 
उन्होंने कहा कि जब उस समय वहां सनातन धर्म को कोई नुकसान नहीं हुआ तो वे राजनीतिक मंच से यह बहस क्यों उठा रहे हैं? कभी फायरब्रांड हिंदुत्व नेता के रूप में जाने जाने वाले भारती ने कहा कि बेहतर होगा कि सनातन धर्म के मुद्दे को देश के शंकराचार्यों पर छोड़ दिया जाए।
 
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2014 में विकास का जो एजेंडा रखा था, उसका पालन किया जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने विवाद पर मोदी के बयानों का बचाव भी किया और कहा कि उन्होंने इस पर इसलिए बात की क्योंकि यह समसामयिक मुद्दा है। (भाषा)
Edited by: vrijendra Singh Jhala

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

New Parliament House: परंपराओं और आधुनिकता का मिश्रित स्वरूप है नया संसद भवन