भोपाल। मध्यप्रदेश में भले ही शिवराज सिंह चौहान अब सूबे के मुख्यमंत्री नहीं है लेकिन अब भी वह कुछ ऐसे काम कर रहे हैं, जो वो मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए करते थे। शिवराज सिंह चौहान जब सूबे को मुख्यमंत्री थे तो दिसंबर महीने में कड़कड़ाती ठंड में रैन बसेरों का जायजा लेने के अचानक निकल पड़ते थे।
शिवराज रैन बसेरों में जाकर गरीब - बेसहारा लोगों से मिलते थे और उनको हर संभव सहायता दिलाने का आदेश अफसरों को देते थे। लगभग तेरह सालों तक हर साल दिसंबर को महीनों में भोपाल में शिवराज सिंह चौहान बतौर मुख्यमंत्री रैन बसेरों का औचक निरक्षण करते थे। अब जब सूबे में सत्ता परिवर्तन हो चुका है। यहां अब कांग्रेस की सरकार है और सूबे के मुखिया कमलनाथ है और शिवराज सिंह चौहान पूर्व मुख्यमंत्री हो चुके हैं।
इसके बाद भी शिवराज शनिवार की देर रात कड़कड़ाती ठंड में रैन बसेरों का जायजा लेने के भोपाल की सड़कों पर निकल पड़े। शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के सुल्तानिया हॉस्पिटल, टीटी नगर में रैन बसेरों का जायजा लिया और वहां पर मौजूद लोगों से व्यवस्था के बारे में बातचीत की। शिवराज समता चौक को पास सड़क किनारे अलाव ताप रहे लोगों को पास भी रूके और उनसे बातचीत की.
इसके बाद ट्विटर पर उन्होंने रैन बसेरों के दौरे के अनुभव को साझा करते हुए लिखा, 'दीन-दुखियों की सेवा ही मेरे जीवन का लक्ष्य है। भोपाल में गरीब-बेसहारा के लिए स्थापित रैन बसेरे में आज रात पहुंचकर कुशलक्षेम पूछी और इंतजामों से रूबरू हुआ। हमारी नजर गरीब कल्याण की योजनाओं और व्यवस्थाओं पर है। जहां भी चूक होगी हम उसकी आवाज उठाएंगे और जरूरत पड़ी तो संघर्ष करेंगे। रैनबसेरों में जो अपनापन, स्नेह और आशीर्वाद मिलता है, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। अद्भुत अविस्मरणीय प्रेम है आप लोगों का, इसके लिए हृदय से आभार।'