नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अपनी एक गोपनीय रिपोर्ट में शिवराज सिंह सरकार के कामकाज को लेकर चिंता जताई है। कहा जाता है कि राज्य में संघ की गोपनीय रिपोर्ट के बाद संघ और भाजपा की समन्वय बैठक में इस चिंताजनक स्थिति से निपटने पर भी विचार किया गया।
संघ का मानना है कि चुनाव से पहले होने वाले टिकट बंटवारे में संतोषजनक प्रदर्शन न करने वाले विधायकों को टिकट से वंचित किया जाए। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में मौजूदा सरकार के 70 फीसदी विधायकों के फिर एक बार जीतने पर शंका जताई गई है।
संघ के इस आकलन से शिवराज सिंह को चिंता में डाल दिया है क्योंकि कुछेक दिन पहले ही उन्होंने पांच सरकार विरोधी बाबाओं को राज्य मंत्री का दर्जा देने के मामले में नागपुर जाकर संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों को सफाई दी थी। पर इस सर्वे ने पार्टी के विधायकों में खलबली मचा दी है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि इस सर्वेक्षण में विधायकों के कामकाज को तीन भागों में बांट दिया गया है। इन्हें बहुत कमजोर, औसत और बेहतर कामकाज के वर्गों में रखा गया है लेकिन पार्टी के लिए चिंता की बात यह है कि सरकार के 70 फीसदी विधायकों का कामकाज ठीक नहीं बताया गया है। ऐसे कई दर्जन विधायक हैं जिन्हें अगर पार्टी अपनी उम्मीदवार बनाती है तो उनका चुनाव जीतना भी संभव नहीं है।
ऐसे करीब 56 विधायकों के टिकिटों पर संघ की कैंची चल सकती है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी के विधायकों को चुनाव से पहले अपना प्रदर्शन सुधारने का मौका दिया जा सकता है लेकिन अंतत: किसे उम्मीदवार बनाया या नहीं, यह संघ पदाधिकारी और पार्टी के नेता ही तय करेंगे।