Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

मध्यप्रदेश में बुलडोजर पर बवाल, खरगोन में बुलडोजर कार्रवाई पर उठे सवाल?

खरगोन हिंसा के बाद बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी

हमें फॉलो करें मध्यप्रदेश में बुलडोजर पर बवाल, खरगोन में बुलडोजर कार्रवाई पर उठे सवाल?
webdunia

विकास सिंह

, शनिवार, 16 अप्रैल 2022 (15:18 IST)
भोपाल। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद मध्यप्रदेश में अचानक से बुलडोजर खूब तेजी से दौड़ने लगा। प्रदेश में अवैध निर्माण, महिला और बच्चों के साथ अपराध करने वाले अपराधियों के खिलाफ चलने वाला बुलडोजर खरगोन और बड़वानी हिंसा के आरोपियों के घर-दुकान गिराने के बाद विवादों में घिर गया है। सवाल इस बात पर उठने लगा है कि क्या बुलडोजर के नाम पर वाहवाही बटोरने के फेर में कानून की मर्यादाओं को तो कही ताक पर तो नहीं रखा जा रहा है। इस बार चर्चित मुद्दे में बात करेंगे कि आखिरी क्यों मध्यप्रदेश में बुलडोजर कार्रवाई पर बवाल मच गया है? 
ALSO READ: शांति के टापू मध्यप्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ना 'संयोग' या 'प्रयोग'?
रामनवमी पर खरगोन और बड़वानी में हिंसा के बाद प्रशासन ने रातों रात दोनों ही स्थानों पर दंगे के आरोपियों के घर और दुकान बुलडोजर चला कर जमीदोंज कर दिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की ओर से फ्री हैंड मिलने के बाद प्रशासन ने पूरी ताकत से खरगोन में हिंसा के आरोपियों के 50 से अधिक मकान और दुकान ढहा दिए। खरगोन में प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध की गूंज राजधानी भोपाल में भी सुनाई दी। खरगोन में प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई के विरोध में शहर काजी के नेतृत्व एक मुस्लिम प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की थी जिसमें उन्होंने मकान गिराने की कार्रवाई का विरोध किया था। इसके बाद अब भोपाल शहर काजी मुश्ताक अली नदवी ने पूरे मामले को कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। 

खरगोन में प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ने भी सवाल उठाए। कांग्रेस सांसद और सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील विवेक तनखा बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहते है कि प्रदेश में कानून-कायदा की कोई परवाह नहीं है। आज की स्थिति में कानून,कोर्ट, कचहरी फिजूल की व्यवस्था महूसस हो रही है। सरकार और अफसरशाही ही जज, ज्यूरी और कोर्ट है।  

खरगोन और बड़वानी हिंसा के आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर चलाने की कार्रवाई को कोर्ट में चुनौती देने के सवाल पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि खरगोन और बड़वानी में जो भी कार्रवाई की गई है वह पूरी तरह से कानूनी है। खरगोन में नगर पालिका के नियम के विरूद जो अवैध अतिक्रमण किया गया था उस पर ही बुलडोजर की कार्रवाई की गई है। अगर कोई पक्ष कानूनी राय ले रहा है तो ले सकता है लेकिन सरकार ने कानूनी राय लेने के बाद ही कार्रवाई की है। गृहमंत्री ने साफ कहा कि हिंसा के मामले में लोगों की गिरफ्तारी और बुलडोजर चलना दोनों अलग-अलग प्रक्रिया है। 

वरिष्ठ पत्रकार और लीगल एक्सपर्ट रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि सरकार और प्रशासन कानून के हिसाब से चलती है। ऐसे में जब तक किसी भी तरह के मामले में कोई अदालत से दोषी साबित नहीं हो जाता तब तक वह आरोपी रहता है और सजा देने का काम अदालत का है कानून का है, पुलिस का नहीं। वहीं वह आगे कहते हैं कि किसी भी जमीन पर हुए अवैध निर्माण को भी गिराने की भी एक कानूनी प्रक्रिया है। ऐसे में प्रशासन जिस तरह बुलडोजर का इस्तेमाल कर रहा है उसको सहीं नहीं ठहराया जा सकता है। अगर ऐसे मामलों को लेकर कोई कोर्ट में जाता है और अपनी बात रखता है तो कोर्ट इस पर सुनवाई कर सकती है।

मध्यप्रदेश में खूब चल रहा बुलडोजर-रामनवमी पर खरगोन और बड़वानी में हिंसा और पथराव के बाद प्रशासन का बुलडोजर खूब चला। खरगोन में हिंसा के आरोपियों के 50 से अधिक मकान और दुकानों पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया तो सेंधवी के बड़वानी में करीब 1 दर्जन मकानों पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया। 
 
मध्यप्रदेश के गृह विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक भू-माफियाओं, गुंडों, आदतन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर 12 हजार करोड़ की 15 हजार 400 एकड़ जमीन अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई है। 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ATF की कीमत में 0.2 फीसदी की बढ़ोतरी, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे दाम, लगातार 8वीं बढ़ोतरी