भोपाल। छतरपुर में बुधवार को कोतवाली पर धर्म विशेष के लोगों के द्वारा हमला और पथराव करने के मामले में पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसमें पुलिस ने 45 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करने के साथ 2 दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों पर शासकीय कार्य में बाधा,जान से मारने का प्रयास सहित विभिन्न धाराओं पर मामला दर्ज हुआ। वहीं पूरे मामले पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त तेवर दिखाए है।
छतरपुर में कैसे बिगड़े हालात?-बुधवार को दिन छतरपुर में काफी हंगामे भरा रहा। जहां दिन में भारत बंद के दौरान छतरपुर में काफी हंगामा हुआ वहीं शाम-शाम होते-होते महाराष्ट्र में धार्मिक गुरु पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर छतरपुर में धर्म विशेष काफी आक्रोशित नजर आया। एफआईआर की मांग को लेकर देखते ही देखते धर्म विशेष के सैकड़ों लोगों ने कोतवाली थाने का घेराव कर लिया। जब भीड़ ने थाने का घेराव किया तो वहां चंद पुलिस कर्मी मौजूद थी। भीड़ द्वारा कोतवाली का घेराव करने पर टीआई अरविंद कुजूर ने भीड़ को जब समझाने का प्रयास किया तो अचानक से भीड़ ने पथराव शुरु कर दिया। जिसमें टीआई अरविंद कुजूर के सिर और हाथ में चोट लगी है, जबकि सिपाही भूपेंद्र कुमार प्रजापति के सिर और एसएएफ के जवान राजेंद्र चढ़ार के भी सिर में चोट लगी।
डॉक्टरों के मुताबिक टीआई के हाथ में जख्म किसी धारदार हथियार से किए गए हमले है। भीड़ द्वारा पथराव होने के बाद पुलिस ने बल प्रयोग और टियर गैस का उपयोग कर भीड़ को कोतवाली से खदेड़ा। कोतवाली पर पथराव और पुलिस कर्मियों के घायल होने के बाद कलेक्टर, एसपी समेत पुलिस के आलाअधिकारी कोतवाली पहुंचे। इसके बाद देर शाम पुलिस-प्रशासन ने इलाके में फ्लैग मार्च निकालकर हालात को सामान्य बनाने की कोशिश की। पुलिस-प्रशासन का फ्लैग मार्च नए मोहल्ला सहित मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में हुआ। वहीं घटना के बाद कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बिना किसी अनुमति के जूलुस निकाला, इसको लेकर कोई अनुमति नहीं ली गई थी।
वहीं कोतवाली पुलिस पर हमला करने के मामले में पुलिस ने 45 लोगों के खिलाफ नामजद और 100 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जिसमें अब तक पुलिस ने 20 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं बताया जा रहा है कि शहर के माहौल को खराब करने की एक साजिश रची गई और घटना से पहले कुछ भड़काऊ पर्चे भी इलाके में बांटे गए। हलांकि पुलिस के अधिकारी इस पर अभी कुछ भी कहने से बच रहे है।
मुख्यमंत्री ने दिखाए सख्त तेवर-वहीं छतरपुर के पूरे मामले पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कड़ा एक्शन लेने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि छतरपुर जिले में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना मिलने पर तुरंत उच्च अधिकारियों से घटना की जानकारी ली और जवानों के समुचित इलाज के निर्देश दिए। मध्यप्रदेश 'शांति का प्रदेश' है, कोई भी सुनियोजित तरीके से कानून को हाथ में ले यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैनें पुलिस के उच्च अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दोषियों की जल्द पहचान कर कठोर कार्यवाही की जाए जिससे भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो। प्रदेश में शांति और सौहार्द बना रहे यही हमारी प्राथमिकता है।