मध्यप्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग ने शनिवार को कहा कि पुलिस को भोपाल में छात्राओं से बलात्कार करने और उन्हें ब्लैकमेल करने के मुख्य आरोपी के सीने में गोली मारनी चाहिए थी। आरोपी को मुठभेड़ में पैर में गोली लगी थी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि मामले का मुख्य आरोपी फरहान अली शुक्रवार रात को उस समय घायल हो गया था, जब उसने साक्ष्य संग्रह के लिए अपराध स्थल पर ले जाते समय एक पुलिसकर्मी की पिस्तौल छीनकर भागने की कोशिश की थी।
इस घटना के बारे में पूछे जाने पर सारंग ने संवाददाताओं से कहा कि मुझे आश्चर्य है कि गोली उसके पैर में क्यों मारी गई। उसे सीने में गोली मारनी चाहिए थी। 'लव जिहाद' या ऐसे कुकर्म करने वालों को इस देश या राज्य में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
भोपाल के एक कॉलेज की छात्राओं से बलात्कार करने और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने के आरोप में अली सहित अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, अली और अन्य आरोपियों के खिलाफ अशोका गार्डन थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम और धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम की धारा 64 (बलात्कार), 61 (सामूहिक बलात्कार) और अन्य प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और झारखंड की पूर्व पुलिस महानिदेशक निर्मल कौर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। अली का जिक्र करते हुए मंत्री सारंग ने कहा कि पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि ऐसे व्यक्ति की सरेआम गोली मारकर हत्या की जाए। भाषा Edited by: Sudhir Sharma