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आदिवासी वोटर्स की नाराजगी के डर से नहीं हो रहा मंत्री विजय शाह का इस्तीफा?

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विकास सिंह

, गुरुवार, 15 मई 2025 (15:51 IST)
भोपाल। लोकतंत्र में सरकार से लेकर सियासी दल अपना हर फैसला वोट बैंक को ध्यान में रख कर लेते है। सरकार का हर फैसला भी वोट बैंक के नफा नुकसान को लेकर ही होता है। ऐसा ही कुछ कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान देने वाले मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह के मामले में हो रहा है। विवादित बयान देने वाले मंत्री विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक फटकार लग रही है, सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक मंत्री के इस्तीफे की मांग हो रही है लेकिन न तो मंत्री विजय शाह अपना इस्तीफा दे रहे है और न सरकार मंत्री को बर्खास्त कर रही है।
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ऐसा सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के कारण हो रहा है। दरअसल विजय शाह के इस्तीफे नहीं देने और सरकार के असहाय दिखने के पीछे सिर्फ आदिवासी वोट बैंक की सियासत है। हरसूद से विधायक विजय शाह आदिवासी वर्ग में गोंड जाति से आते है। प्रदेश में 21.5 फीसदी वोट बैंक रखने वाले आदिवासी वर्ग के लिए 47 विधानसभा सीट आरक्षित भी है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के परिणाम बताते है कि आदिवासी वोटर पूरी तरह भाजपा के साथ है। दिसंबर 2023 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो तो प्रदेश में आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित 47 विधानसभा सीटों पर भाजपा ने 24 सीटों पर जीत हासिल की है वहीं कांग्रेस ने 22 सीटों पर जीत हासिल की है।
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खंडवा की हरसूद विधानसभा सीट से ढाई दशक से विधायक चुने जा रहे विजय शाह के मालवा-निमाड़ के आदिवाली बाहुल्य इलाके में गहरी पैठ है। खासकर निमाड़ के आदिवासियों के बीच उन्हें आज भी राजा के तौर पर माना जाता है। ऐसे में भाजपा के इस बात का डर है कि अगर विजय शाह के मंत्री पद से हटाया जाता है और पूरे मामले में एफआईआर के बाद उन पर एक्शन होता है तो आदिवासी वर्ग में गलत मैसेज जाएगा और इसका नुकसान उसको चुनाव में उठाने पड़ेगा। भाजपा को शंका है कि विजय शाह के इस्तीफा का सीधा असर निमाड़ की 10 विधानसभा सीटों पर पड़ेगा, और भाजपा को आने वाले वक्त पर इन सीटों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ा सकता है। 

यहीं कारण है कि बुधवार देर रात मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री हितानंद शर्मा के बीच मंथन हुआ और यह तय हुआ है कि मंत्री विजय शाह को हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का मौका दिया जाए। यहीं कारण है कि बुधवार रात विजय शाह का इस्तीफा नहीं हो सका है।

कांग्रेस ने भाजपा और सरकार को घेरा-वहीं मंत्री विजय शाह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से अब कांग्रेस अक्रामक हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि सेना का अपमान करने वाले मंत्री विजय शाह के खिलाफ कार्रवाई नही होना भाजपा की कथनी और करनी में अंतर को दिखाता है। जीतू पटवारी ने कहा कि पूरी सरकार मंत्री का बचाव कर रही है और fir निरस्त कराने  के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जा रही है।

मंत्री प्रतिमा बागरी ने किया विजय शाह का बचाव- वहीं मंत्री विजय शाह का इस्तीफे नहीं देने के बाद अब सरकार के मंत्री ही उनके बचाव में आगे आने लगे है। डॉ. मोहन यादव सरकार में मंत्री प्रतिमा बागरी ने बेशर्मी से साथी मंत्री विजय शाह का बचाव करते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है। इतनी ही प्रतिमा बागरी ने कहा कि मंत्री विजय शाह ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली है और उनकी मंशा किसी के अपमान करने की नहीं थी।

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