शिवराज का ऐलान: मध्यप्रदेश में मंगलवार से लागू होगा लव जिहाद पर कठोर कानून
कैबिनेट की मंजूरी के बाद अध्यादेश से लागू होगा धर्म स्वातंत्र्य कानून-2020
भोपाल। मंगलवार को मध्यप्रदेश लव जिहाद पर कानून बनाने वाला देश का दूसरा राज्य बन जाएगा। कोरोना के चलते विधानसभा के शीताकालीन सत्र के स्थगित होने के बाद मंगलवार को कैबिनेट ने लव जिहाद को रोकने से जुड़े अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे देगी। मध्यप्रदेश से पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लव जिहाद पर कानून बना चुकी है।
खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि विधानसभा के सत्र से स्थगित होने के कारण धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 को मंगलवार को कैबिनेट की विशेष बैठक में मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद अध्यादेश के माध्यम से कानून प्रदेश में तत्काल लागू हो जाएगा।
इससे पहले 26 दिसंबर को शिवराज कैबिनेट की विशेष बैठक में मप्र. धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 को मूंजरी दे दी थी। लव जिहाद को रोकने के लिए बनाए गए कानून में अधिकतम दस साल की सजा और एक लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नए कानून धर्म परिवर्तन के जरिए की जाने वाली शादी शून्य घोषित होगी।
लव जिहाद पर सख्त कानून- मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत कोई भी व्यक्ति दूसरे को दिगभ्रमित कर,प्रलोभन,धमकी,बल,दुष्प्रभाव,विवाह के नाम पर अथवा अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा अन्यथा उसका धर्म परिवर्तन अथवा धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का दुष्प्रेरण अथवा षड़यंत्र नहीं करेगा।
10 साल तक की सजा का प्रावधान- अगर कोई भी व्यक्ति कानून उल्लंघन करता है तो वह एक साल से पांच साल तक की कैद और कम से कम 25 हजार रूपए का जुर्माना लगेगा। नाबालिग,महिला,अ.जा, अ.ज.जा के केस में दो से दस साल तक की कैद और कम से कम 50 हजार रूपए का जुर्माना किया जाएगा।
अपना धर्म छुपाकर ऐसा प्रयास करने पर तीन साल से दस साल तक की कैद और कम से कम 50 हजार रूपए अर्थदण्ड होगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन (02 या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 5 से 10 वर्ष के कारावास एवं कम से कम एक लाख रूपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया जा रहा है।
2 महीने पहले देनी होगी धर्म परिवर्तन की सूचना- नए कानून के मुताबिक स्वतंत्र इच्छा से धर्म परिवर्तन के लिए और धर्म परिवर्तन कराने वाले धर्मगुरुओं को जिला कलेक्टर के सामने दो महीने पहलेे अर्जी देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर धर्मगुरु भी सजा के दोषी होंगे।
स्वयं, माता-पिता कर सकेंगे शिकायत- नए कानून में व्यक्ति द्वारा धर्म परिवर्तन कराने संबंधी प्रयास किए जाने पर प्रभावित व्यक्ति स्वयं, उसके माता-पिता अथवा रक्त संबंधी इसके विरुद्ध शिकायत कर सकेंगे। यह अपराध संज्ञेय, गैर जमानती तथा होगा। उप पुलिस निरीक्षक से कम श्रेणी का पुलिस अधिकारी इसकी जांच नहीं कर सकेगा। धर्मान्तरण नहीं किया गया है इसको आरोपी को साबित करना होगा।