दाहोद। गुजरात के पूर्वी जिले दाहोद में पिछले कुछ दिनों में तीन लोगों का शिकार कर चुके नरभक्षी तेंदुए को गोली मारने की राज्य सरकार ने अनुमति दे दी है। हालांकि इसके पड़ोसी मध्यप्रदेश के कट्ठीवाड़ा के जंगलों में प्रवेश कर जाने की आशंका है।
जिले के देवगढ़ बारिया वन मंडल के डीएफओ जनक एल झाला ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि हाल में इस जानवर के पंजे के निशान पड़ोसी मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा जंगल से लगी पानम नदी के उस पार तक देखे गए हैं। वहां के वन विभाग को इस नरभक्षी जानवर के प्रवेश के बारे में सतर्क कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार से इसे मार गिराने की अनुमति मिलने के बाद पुलिस इस काम के लिए अचूक निशानेबाज की तलाश कर रही है। दूसरी ओर इसे पिंजरे में पकड़ने अथवा बेहोश कर पकड़ने की पूरी कोशिश भी साथ ही साथ जारी है। यह लौटकर गुजरात की तरफ भी आ सकता है।
इसके हमले से बची महिलाओं और वनकर्मियों के अनुसार यह एक नर तेंदुआ है और शुक्रवार शाम जिले के बारिया तालुका के अंतेला गांव में एक 26 साल की महिला पर हुए हमले में यह शामिल नहीं हो सकता क्योंकि वह जगह खासी दूर है।
झाला ने बताया कि गत 21 नवंबर को सुबह इसने जंगल में जलावन की लकड़ी चुनने गई मथुरीबेन गणावा (64) को भानपुर के जंगल में हमला कर मार डाला। इसने उनका खून चूसने के अलावा गले के भाग के बड़े हिस्से को खा लिया।
इसी ने निकटवर्ती पूनाकोट के जंगल में 22 नवंबर को 11 साल की ज्योत्सना और 21 नवंबर को कोटंबी के जंगल में अस्मिता (10) को शिकार बना लिया था।
इसने एक अन्य महिला को घायल भी किया था। इसी इलाके में वर्ष 2002-03 में आठ लोगों को इसी अंदाज में मार डालने वाले एक अन्य नरभक्षी तेंदुए को तब मार गिराया गया था।
झाला ने बताया कि स्थानीय ग्रामीणों, सरपंचों और विधायक सह-मंत्री बच्चूभाई खाबड़ की इच्छा के अनुरूप वन विभाग ने सरकार से इस तेंदुए को भी मारने की अनुमति मांगी गई थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। अन्य उपाय कारगर नहीं होने पर ही इसे मारा जाएगा। (वार्ता)