मध्य प्रदेश कांग्रेस के दो बड़े नेताओं मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के आमने सामने आने के बाद अब पूरी कांग्रेस दो खेमों में बंटती हुई दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के सिंधिया को सड़क पर उतरने के दो टूक जवाब देने के बाद सिंधिया समर्थक मंत्री सन्नाटे में है। सिंधिया की कट्टर समर्थक और कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री इमरती देवी कहीं भी किसी तरह के विवाद से इंकार कर रही है।
मीडिया से बातचीत में मंत्री इमरती देवी ने कहा कि सरकार अपने वचन पत्र को पूरा कर रही इसलिए ‘महाराज’ सड़क पर क्यों उतरेंगे,हलांकि इमरती देवी यह भी कहती हैं कि अगर महाराज सड़क पर उतरेंगे तो पूरी कांग्रेस सड़क पर उतर जाएगी।
वहीं नए सियासी घटनाक्रम के बाद पहले खुलकर सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग करने वाली इमरती देवी के सुर अब बदले हुए नजर आ रहे है। दमोह में मीडिया से बात करते हुए इमरती देवी ने कहा पार्टी हाईकमान जिसको भी प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपेगी वह मंजूर होगा। वहीं सिंधिया के खेमे के अन्य मंत्री पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए नजर आ रहे है।
सिंधिया को गोविंद सिंह की सीख – कमलनाथ और सिंधिया के इस सीधे टकराव के बाद अब प्रदेश सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह ने भी अब सिंधिया को इशारों ही इशारों में सीख दे डाली है। गोविंद सिहं ने कहा कि सड़क पर उतरने का काम तो विपक्ष का होता है। सिंधिया को कोई परेशानी है तो वे मुख्यमंत्री या पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात करें। उन्हें पार्टी फोरस पर बात रखनी चाहिए। वे बहुत ज्ञानी और विद्धान हैं उनके ज्ञान का उपयोग प्रदेश के विकास में होना चाहिए।
गोविंद सिंह ने कहा कि सिंधिया पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें सार्वजनिक रुप से इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। जो काम शिवराज सिंह चौहान और भाजपा को राज्य की जनता ने दिया है कि वह आंदोलन, प्रदर्शन करें वह हमारी पार्टी के नेताओं को नहीं करना चाहिए।