मध्य प्रदेश कांग्रेस के दो दिग्गज नेता अब खुलकर आमने आमने आ गए है। पिछले दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रदेश सरकार के खिलाफ वचन पत्र को पूरा नहीं करने पर सड़क पर उतरने वाले बयान को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ बेहद नाराज हो गए।
दिल्ली में पार्टी की प्रद्रेश समन्वय समिति की बैठक के बाद बाहर निकले मुख्यमंत्री कमलनाथ से जब मीडिया ने सिंधिया के सड़क पर उतरने वाले बयान को लेकर सवाल पूछा गया था तो मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि अगर उतरना है तो उतर जाए। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ बिना किसी प्रश्न को सुने आगे बढ़ गए।
इसके पहले समन्वय के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वो खुद प्रदेश अध्यक्ष है तो समन्वय किससे बनाना है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने समन्वय समिति की बैठक को अच्छा बताते हुए कहा कि इसमें पंचायत चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव और संगठन के पुनर्गठन को लेकर चर्चा हुई।
बैठक बीच में छोड़कर निकले सिंधिया : वहीं दिल्ली में हुई कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक में भी पार्टी के बड़े नेताओं के बीच खींचतान साफ देखने को मिली। बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया बैठक बीच में छोड़कर ही बाहर निकल गए।
बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया से जब मीडिया ने सिंधिया की नाराजगी के बारे में पूछा तो पूरे मामले पर सफाई देते नजर आए। बावरिया सिंधिया के सड़क पर उतरने वाले बयान से भी कुछ भी बोलने से बचते नजर आए।
समन्वय समिति की बैठक में कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में कांग्रेस सरकार के एक साल के कामकाज पर भी चर्चा हुई।
क्या कहा था सिंधिया ने : ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक कार्यक्रम में लोगों के बीच इस बात पर नाराजगी जताई थी कि सरकार ने राज्य के किसानों से किए गए कर्जमाफी के वादे को नहीं निभाया है। इसको लेकर उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि किसानों से किया गया कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं किया गया तो वह अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे।