Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

उपचुनाव में सिंधिया के तिलिस्म को तोड़ने के लिए बागियों के भरोसे कमलनाथ?

हमें फॉलो करें उपचुनाव में सिंधिया के तिलिस्म को तोड़ने के लिए बागियों के भरोसे कमलनाथ?
webdunia

विकास सिंह

, बुधवार, 20 मई 2020 (14:22 IST)
मध्यप्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है।उपचुनाव में सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके पूर्ववर्ती साथी और वर्तमान में भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख दांव पर लगी है।
 
सूबे में कमलनाथ सरकार को सत्ता से बेदखल करने और शिवराज सरकार की वापसी में सूत्रधार की भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की भविष्य की राजनीति को बहुत कुछ इन 24 सीटों के नतीजे तय करेंगे। 24 में से 22 सीटें उन विधायकों के इस्तीफे के बाद खाली हुई है जिन्होंने सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल होकर कमलनाथ सरकार की विदाई में अहम रोल निभाया था।  
 
अभी जब उपचुनाव होने में चार से पांच महीने का समय शेष है तब प्रदेश में नेताओं का टिकट की चाहत में पाला बदलने का खेल शुरु हो गया है। खास बात ये है कि उपचुनाव को लेकर कांग्रेस भाजपा को उसी के हथियार से मात देने की रणनीति पर काम कर रही है।
 
कांग्रेस इन सीटों पर भाजपा के उन नेताओं पर डोरे डाल रही है जो या तो कभी कांग्रेस में रह चुके है या वह नेता जो इन सीटों पर पहले भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके है और अब भाजपा में सिंधिया सर्मथकों की एंट्री के बाद उनके टिकट कटने तय माने जा रहे है।
 
कांग्रेस इस दिशा में अब काफी आगे भी बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट से शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट को मात देने के लिए वर्तमान में भाजपा नेता और पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर सांसद रह चुके प्रेमचंद्र गुड्डू को उतारने की तैयारी में है। कांग्रेस हाईकमान से टिकट का इशारा मिलने के बाद प्रेमचंद्र गुड्डू भाजपा में रहते हुए खुलकर कांग्रेस नेताओं से मेल मुलाकात कर रहे है और सिंधिया को जमकर कोस रहे है। 
webdunia
प्रेमचंद्र गुड्डू के कांग्रेस से बढ़ते प्रेम के बाद भाजपा ने भी लगे हाथ उनको कारण बताओ नोटिस थमा दिया तो नोटिस मिलने के 12 घंटे के अंदर प्रेमचंज गुड्डू ने जवाब देते हुए कहा कि वह तो पार्टी में है ही नहीं, फरवरी में ही इस्तीफा दे चुके है। प्रेमचंद्र गुड्डू पिछले विधानसभा चुनाव के ठीक समय कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे और अब फिर कांग्रेस में वापसी की राह पर है।  
 
इसी तरह देवास की हाटपिपल्या सीट से कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी पर भी डोरे डाल रही है। पिछले शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके और विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले दीपक जोशी ने भी पार्टी से बागी होने के संकेत दे चुके  है।
webdunia

हलांकि उनके बागी होने के संकेत देते ही भाजपा संगठन ने उन्हें समझाइश देने में देर नहीं की। इसके बाद दीपक जोशी के सुर कुछ बदले से हुए नजर आए। हाटपिपल्या सीट भाजपा की तरफ से सिंधिया सर्मथक और विधानसभा चुनाव में दीपक जोशी को हराने वाले मनोज चौधरी का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। ऐसे में दीपक जोशी अपनी भविष्य की राजनीति को लेकर असमंजस की स्थिति में है।  
 
ग्वालियर-चंबल में अग्निपरीक्षा -  कांग्रेस और कमलनाथ की असली परीक्षा ग्वालियर- चंबल क्षेत्र में है। जहां पर सबसे अधिक  सीटों पर उपचुनाव है और यह क्षेत्र सिंधिया का गढ़ माना जाता और यहां हर सीट पर कांग्रेस के लिए मजबूत उम्मीदवार उताराना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं है। पार्टी ने मजबूत उम्मीदवार की तलाश में सर्वे भी शुरु कर दिया है और टिकट के दावेदारों ने क्षेत्र में अपनी आमद भी दर्ज करा दी है। 
 
असल में ग्वालिचर-चंबल में उपचुनाव में कांग्रेस को दो मोर्च पर लड़ना है, एक सिंधिया घराने के वर्चस्व को तोड़ना और दूसरा भाजपा के कोर वोट बैंक में सेंध लगाना है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन से पहले इस क्षेत्र में कांग्रेस की पूरी राजनीति सिंधिया के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और दिग्विजय के सामने चुनौती कांग्रेस के संगठन को फिर से खड़ा करने की है। इसके लिए वह पुराने कांग्रेस नेताओं को फिर से सक्रिय कर रहे है और भाजपा के अंसतुष्टों को भी साध रहे है। 
webdunia
भिंड के मेहगांव सीट से कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस के बागी रहे चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी का नाम उपचुनाव के लिए चर्चा में है। हलांकि राकेश सिंह के नाम पर कांग्रेस में फूट पड़ती हुई दिखाई दे रही है। लोकसभा चुनाव के समय चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी गुना-शिवपुरी संसदीय सीट पर चुनाव प्रचार के वक्त सिंधिया के साथ कांग्रेस के मंच पर दिखाई दिए थे।
 
उपचुनाव को लेकर ग्वालियर-चंबल के नेताओं की पीसीसी चीफ कमलनाथ ने जो बैठक बुलाई थी उसमें चौधरी राकेश सिंह को टिकट देने की अटकलों पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने खुलकर अपनी नाराजगी जता दी। अजय सिंह ने साफ कह दिया कि अगर मेहगांव से पार्टी चौधरी राकेश सिंह को टिकट देती है तो वह पार्टी से इस्तीफा देने में भी नहीं हिचकेंगे। इसके साथ ही भिंड से ही आने वाले पूर्व मंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने भी अपनी नाराजगी जता दी।

ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा में उठने वाले अंसतोष पर भी निगाहें लगाकर बैठी है। कांग्रेस की रणनीति को भांपकर शिवराज और सिंधिया भी खासा सक्रिय हो गए है। सिंधिया ने अपने सर्मथक सभी पूर्व विधायकों को स्थानीय कांग्रेस के बड़े नेताओं को भाजपा में शामिल करने को कह दिया है।

इस कड़ी में तुलसी सिलावट ने पिछले दिनों सांवेर के बड़े कांग्रेस नेताओं को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने भाजपा की सदस्यता दिलवा दी है। इसके साथ भाजपा संगठन ने इन सभी 24 सीटों  पर विस्तारक नियुक्त कर फूट को रोकने की पूरी कोशिश में जुट गई है। ग्वालियर में भाजपा के नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद भी पार्टी में अंदर खाने काफी अंसतोष की खबरें है। 
 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Corona virus : दिल्ली में रोहिणी जेल का सहायक अधीक्षक कोविड 19 से संक्रमित