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उपचुनाव के नतीजों से फिर किंगमेकर बनेंगे निर्दलीय और सपा-बसपा विधायक ?

सपा-बसपा और निर्दलीय विधायकों को तेज हुई साधने की कोशिश

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विकास सिंह

, सोमवार, 9 नवंबर 2020 (12:04 IST)
मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर हुई विधानसभा उपचुनाव के नतीजे मंगलवार को आएंगे। नतीजों से पहले प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है। मंगलवार को आने वाले नतीजों से‌ पहले आज दोनों ही दलों‌‌ के दिग्गज नेता बैठक कर अपनी-अपनी रणनीति तय‌ कर रहे है। नतीजों से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।
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वहीं उपचुनाव के नतीजों से पहले सियासत के केंद्र में सपा,बसपा और निर्दलीय विधायक आ गए हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने सपा बसपा और निर्दलीय विधायकों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। भले ही भाजपा 28  सीटों पर जीत का दावा कर रही हो लेकिन पिछले तीन  दिनों में जिस तरह से भाजपा के खेमे में हलचलें तेज हुई है।

भाजपा चुनाव प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह से निर्दलीय और बसपा विधायकों की लगातार हो रही मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। वोटिंग के बाद निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाहा और रामबाई की भूपेंद्र सिंह से मुलाकात हो चुकी है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कमलनाथ पर बीजेपी विधायकों को फोन करने का भी आरोप लगा चुके हैं।
 
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भले ही भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हो लेकिन दोनों ही दल इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है कि किसी भी एक दल को क्लीन स्वीप करना संभव नहीं है। उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त दिख रही कांग्रेस मानकर चल रही हैं कि अगर उसको 28 में से 20 से 21 सीटों मिल जाती है तो वह सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बना लेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ खुद लगातार निर्दलीय विधायकों के संपर्क में है और उन्होंने भाजपा पर निर्दलीय और कांग्रेस विधायकों को प्रलोभन देने का आरोप भाजपा पर लगा दिया है।
 
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प्रदेश की सियासत में इस समय चार निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा के तीन विधायक चर्चा के केंद्र में है। सपा विधायक राजेश शुक्ला, बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह और रामबाई, निर्दलीय विधायक प्रदीप जयसवाल, केदार सिंह डावर,सुरेंद्र सिंह शेरा और विक्रम राणा शामिल है। यह सभी विधायक पहले कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे थे इसके बाद मार्च में जब भाजपा सरकार बनी तो उसके साथ आ गए। निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल कांग्रेस सरकार में मंत्री थे तो भाजपा सरकार में खनिज विकास निगम के अध्यक्ष हैं।

उपचुनाव के नतीजों से पहले बसपा और निर्दलीय विधायकों के बयान भी आने लगे है। निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा कहते हैं कि अभी तो हम इंतजार कर रहे हैं जो जनता का मत होगा उसके आधार पर आगे की रणनीति तय करेंगे वहीं बसपा विधायक संजीव कुशवाहा का यह बयान कि हमारे बिना कांग्रेस कैसे सरकार बनाएगी जो भी पार्टी सरकार बनाएगी उसकी चाबी हमारे पास ही होगी, इन विधायकों का सीधा फार्मूला है कि जिसकी सरकार होगी वह उसी के साथ रहेंगे। वहीं सपा और बसपा के विधायक उपचुनाव के नतीजों को अपने लिए एक अवसर के रूप में देख रहे हैं।
 

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