भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए अब पार्टी के अंदर ही मुश्किल खड़ी होने लगी है। कैबिनेट गठन के 48 घंटे बाद भी अब तक मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। मंत्रियों के विभागों को लेकर कांग्रेस में गुटबाजी की खबरें सामने आने लगी हैं।
हर गुट का नेता अपने समर्थक मंत्री को भारी-भरकम मंत्रालय दिलवाना चाह रहा है। वहीं कैबिनेट में शामिल न किए जाने पर अब कांग्रेस विधायकों की नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है। कैबिनेट में शामिल न किए जाने से कांग्रेस के सीनियर विधायक केपी सिंह और बिसाहूलाल साहू अब कांग्रेस आलाकमान तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश में लग गए हैं। वहीं कैबिनेट में शामिल न किए जाने पर जयस नेता और कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है।
कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा का आरोप है कि कांग्रेस चुनाव से पहले किए गए वादे से अब मुकर गई है। हीरालाल अलावा का दावा है कि चुनाव से पहले कांग्रेस ने वादा किया था कि कांग्रेस सरकार बनने पर उनको सरकार में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा, जो अब कांग्रेस पूरा नहीं कर रही है। हीरालाल अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने के बाद अपना अगला रुख तय करेंगे।
कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह और एंदल सिंह कंसाना भी मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने पर पार्टी से नाराज चल रहे हैं। एंदल सिंह कंसाना को मंत्री न बनाए जाने से नाराज उनके समर्थकों ने मुरैना में नेशनल हाइवे पर चक्का जाम कर दिया है। एंदल सिंह कंसाना के समर्थन में सुमावली विधानसभा के ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मदन शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुरैना श्योपुर से आठ में से सात विधानसभा सीट कांग्रेस के जीतने के बाद भी किसी को मंत्री न बनाए जाने से पार्टी के कार्यकर्ता निराश हैं। वहीं कांग्रेस अब पूरे मामले पर डैमेज कंट्रोल में जुट गई है।