भोपाल। उज्जैन में 856 करोड़ की लागत से बने महाकाल लोक में आंधी के चलते कई मूर्तियों के खंडित होने के बाद एक बार फिर भ्रष्टाचार मुद्दा गर्मा गया है। महाकाल लोक के निर्माण मामले में भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच कर रहे लोकायुक्त ने अब महाकाल लोक में मूर्ति टूटने के मामले में जांच के आदेश दिए हैं। लोकायुक्त संगठन के अध्यक्ष एनके गुप्ता ने पूरे मामले की जांच के आदेश देते हुए एक टीम को उज्जैन भेजने के निर्देश दिए है। जांच में पीडब्ल्यूडी के दो अधिकारी मूर्तियों के टूटने के मामले में तकनीकी फैक्ट्स की जांच करेंगे। जांच टीम शनिवार को उज्जैन पहुंचकर पूरे मामले की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट लोकायुक्त को सौंपेगी।
गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक महेश परमार ने महाकाल लोक के निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त से की थी, लेकिन शिकायत के बाद अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुआ है। रविवार को तेज आंधी में महाकाल लोक में लगी 6 मूर्तियों के खंडित होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा था कि "महेश परमार ने लोकायुक्त को जांच करने के लिए अनुरोध किया था सही निकला भगवान शिवजी की मूर्ति तेज हवा में ही खंडित हो गईं! निर्माण किसने किया था? गुजरात की कंपनी ने. मोदी जी यह आपके लिये शुभ संदेश नहीं है. अब इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है? क्या मोदी जी सीएम शिवराज सिंह चौहान से स्पष्टीकरण लेंगे?"
कांग्रेस ने महाकाल लोक में भ्रष्टाचार को बनाया मुद्दा- महाकाल लोक में लगी मूर्तियों के आंधी में टूटने के बाद अब कांग्रेस पूरे मामले में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर अक्रामक है। गुरुवार को कांग्रेस प्रवक्ताओं का एक दल शिवराज सरकार की भ्रष्टाचार को लेकर बाबा महाकाल को लेकर ज्ञापन देने के लिए उज्जैन रवाना हुआ।
इससे पहले उज्जैन पहुंची कांग्रेस की जांच टीम ने पूरे मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने दावा कि कि 97 करोड़ के टेंडर में नियमों में ताक पर रखकर 97 करोड़ का और निर्माण एजेंसी को दे दिए गए। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि मूर्तियों के निर्माण में चायनीज नेट का इस्तेमाल किया गया। इसके साथ एफआरवी की मूर्तियों में स्टील के ढांचा को नहीं इस्तेमाल किया गया।
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि अब प्रशासन खंडित मूर्तियों को रिपेयर कर फिर लगाने जा रहा है तो सनातन धर्म के विपऱीत है। सनातम धर्म में खंडित मूर्तियां नहीं लगाई जाती है। उन्होंने मूर्तियों के क्वालिटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि मूर्तियां पत्थर की लगाई जानी चाहिए। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मंत्री भूपेंद्र सिंह की चुनौती का जवाब देते हुए कहा वह मंत्री को चैलेंज देते हुए कहा कि वह किसी स्थान पर तथ्यों के साथ भ्रष्टाचार का सुबूत देने के साथ बहस के लिए तैयार है।