भोपाल। Mahakal Lok corridor idols damaged by winds in Ujjain: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि उन्होंने उज्जैन में श्री महाकाल लोक गलियारे की कुछ मूर्तियों के तेज आंधी के कारण क्षतिग्रस्त होने के मामले में जांच के आदेश दिए हैं। प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में श्री महाकाल लोक गलियारे की छह मूर्तियां रविवार दोपहर आयी तेज आंधी के चलते गिरकर टूट गई थीं। ये टूटी मूर्तियां वहां स्थापित किये गये सप्त ऋषियों में से 6 की हैं और करीब 10 फुट ऊंची थीं।
चौहान ने केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम से इतर यहां संवाददाताओं से कहा कि मैं इस मामले की जांच करा रहा हूं और रिपोर्ट मांगी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षतिग्रस्त हुई मूर्तियां फाइबर से बनी थीं। उन्होंने कहा कि ऐसी जगहों पर पत्थर की भारी आकृतियां बनाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 11 अक्टूबर को 900 मीटर लंबे श्री महाकाल लोक गलियारे के पहले चरण का लोकार्पण किया था। कुल 856 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के पहले चरण में श्री महाकाल लोक को 351 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।
देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर का मंदिर उज्जैन में स्थित है। यहां देश विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
कांग्रेस ने बनाई जांच समिति : कांग्रेस ने इसकी जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने से कहा कि कमलनाथ ने श्री महाकाल लोक में मूर्तियों के बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने की घटना को गंभीरता से लेते हुए रविवार को सात सदस्यीय एक जांच समिति का गठन किया है।
इस समिति में कांग्रेस के पांच विधायक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह जांच समिति शीघ्र ही उज्जैन पहुंच कर पूरी घटना की रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगी। एजेंसियां