बालाघाट। मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में कर्ज से परेशान एक किसान के फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने की घटना से आक्रोशित परिजनों ने रविवार को सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार शांतिलाल (50) ने शनिवार रात आम के पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी। इसका पता रात में चलने के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने शव को नैतरा चौक नवेगांव-लिंगा मार्ग पर रखकर प्रदर्शन किया। इस दौरान मार्ग पर आग जलाकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध किया।
किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद किए जा रहे प्रदर्शन को देखते हुए एसडीएम बोपचे घटनास्थल पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से चर्चा की। किंतु प्रदर्शनकारी तत्काल मुआवजे और कर्जमाफी पर अड़े रहने के साथ ही किसान की मौत से बेसहारा हुए परिवार की मदद की मांग करते रहे। अंतत: वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा उपरांत एसडीएम ने आश्वासन के बाद आंदोलन को खत्म किया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया।
बताया गया है कि शांतिलाल पर पिता और स्वयं का सोसायटी से खाद, बीज एवं अन्य कृषि यंत्र के लिए लिया गया लगभग पौने 2 लाख रुपए का कर्ज था। बीते खरीफ सीजन में उसने खेत में धान लगाई थी जिसमें 2 एकड़ में उसे 10 से 12 कट्टी ही धान हुई थी। वर्तमान में किसान शांतिलाल ने अपने खेत में चने की फसल लगाई थी जिसकी सिंचाई नहीं कर पाने के चलते फसल सूख गई। (वार्ता)