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आखिर क्या है भावांतर योजना

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, मंगलवार, 14 नवंबर 2017 (12:27 IST)
कई बार किसान की उपज की लागत भी नहीं निकल पाती है। किसान अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने से वह आत्महत्या जैसा गलत कदम उठा लेता है। बिचौलियों और जमाखोरों के कारण भी ऐसी स्थितियां बनती हैं। कई बार किसान आंदोलन भी करते हैं। 
 
मंदसौर में हुए बड़े किसान आंदोलन को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है। किसानों को उसकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने भावांतर योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को बाजार भाव पर ही अपनी फसल को बेचनी है। 
 
इस योजना के जरिए अधिसूचित कृषि मंडी समितियों के प्रांगण में विक्रय करने हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा घोषित मंडियों की मॉडल विक्रय दर में आ रही राशि के अंतर को किसानों के खाते में जमा करना है। अक्सर मंडियों में उपज के दाम गिर जाते हैं और किसानों को अपनी उपज का लागत मूल्य भी नहीं मिल पाता है। हाल ही में सरकार ने इसके पंजीयन की तारीख को बढ़ा दिया है। अब किसान 15 से 22 नवंबर तक इसका पंजीयन करवा सकते हैं। 
 
क्या है योजना : इस योजना के अंतर्गत किसानों को अपनी उपज को बेचने से पहले उसका पंजीयन करवाना होगा
इस योजना के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाए एमपी उपार्जन पोर्टल पर यह पंजीयन करवाया जा सकता है। पंजीयन के बाद किसान को उसकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित हो जाएगा। सरकार मंडियों में बिक्री मूल्य और लाभकारी मूल्य के बीच अंतर का भुगतान किसानों के खातों में सीधे पहुंचा देगी। इससे किसानों को ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा। 
 
एसएमएस द्वारा भी किसानों को राशि के भुगतान की सूचना मिलती रहेगी। इस योजना के जरिए किसानों की अन्य समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा। मोबाइल एप के माध्यम से संपूर्ण दावा इकट्ठा किया जाएगा। अगले तीन महीने में सभी अविवादित नामांतरण, बंटवारे, सीमांकन  प्रकरणों का निपटारा भी इसके माध्यम से किया जाएगा।
 
इस योजना से किसानों को मिलेंगे ये लाभ : इस योजना से सरकार किसानों को दालें, तिलहन और बागवानी के लिए भी प्रेरित करेगी। अगर कोई मामला तीन माह से अधिक लंबित रहता है तो किसानों को इनाम मिलेगा जो कर्मचारी के वेतन से काटा जाएगा। 
 
इस तरह कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन :   इस योजना के लिए ई- उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन किया जा सकता है।  इस पोर्टल पर खरीफ किसान पंजीयन 2017-18’पर क्लिक करें। इसके बाद खुलने वाले पेज पर बाईं ओर ‘धान एवं मोटा अनाज 2017-18 किसान पंजीयन आवेदन करे’ पर क्लिक करें- व उसके बाद दिए गए बाक्स में अपनी वंचित जानकारी दर्ज।
 
पंजीयन के लिए के लिए यह है आवश्यक :  किसान अपना पंजीयन आधार नंबर एवं समग्र आईडी के आधार का होना आवश्यक है। पंजीयन के लिए मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। यदि किसान के पास समग्र आई डी उपलब्ध नहीं है। बैंक खाता होना आवश्यक होता है, जिससे भुगतान किया जा सके। पंजीयन के बाद पावती प्रिंट करें तथा खरीदी के समय पावती ले जाना आवश्यक है।
 
इस योजना की खामियां : हालांकि मप्र सरकार इस योजना को गेम चेंजर बता रही है, लेकिन इस योजना में भी कई कमियां हैं। इस योजना तकनीकी रूप से भी कमियां हैं। इस योजना में व्यापारी किसानों का कितना सहयोग करेंगे, यह भी एक बड़ा सवाल है। इस योजना के आंकड़ों में फर्जीवाड़े की आशंका भी रहेगी।

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