भिंड। मध्यप्रदेश के भिंड जिले में सोमवार को दलित आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में शामिल शासकीय कर्मचारियों की पहचान कर उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी।
बुधवार देर शाम चंबल संभाग आयुक्त एमके अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर इलैया राजा टी और पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे ने अब तक के हालातों की समीक्षा के बाद संवाददाताओं को इस बारे में जानकारी दी।
संभागायुक्त अग्रवाल ने बताया कि ऐसे सरकारी कर्मचारियों को चिन्हित करवा लिया गया है, जो दो अप्रैल को निकली रैली में शामिल थे। कलेक्टर इलैया राजा ने बताया कि इन कर्मचारियों को निलंबित करने की कार्रवाई की जा रही है। स्थितियों की समीक्षा के बाद कर्फ्यू में राहत को और बढ़ाया जाएगा।
हिंसा के बाद मेहगांव, मछंड और गोहद के शस्त्र लाइसेंसों को सस्पेंड कर दिया है। अब इन हथियारों को जमा कराने के लिए पुलिस मुहिम चलाएगी। कलेक्टर ने कल शाम आदेश जारी कर कहा कि 10 अप्रैल को किसी भी संगठन को धरना रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती बड़े स्तर पर मनाने की भी किसी को अनुमति नहीं दी जाएगी। शैक्षणिक संस्थान फिलहाल बंद ही रहेंगे। इंटरनेट सेवा भी प्रतिबंधित रहेगी।
शहर में गुरुवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू से राहत दी गई है। मछंड, मेहगांव, गोहद और लहार में सुबह 10 से 11 बजे तक राहत दी गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अब तक कुल 38 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। इनमें 210 आरोपी नामजद हैं और 37 सौ अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है। बुधवार शाम तक 60 उपद्रवी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह ने कहा कि सुनियोजित तरीके से हिंसा में शामिल रहे लोगों से सख्ती और प्रभावी तरीके से निपटा जाएगा। अफवाह फैलाने में जिन व्हाट्सऐप ग्रुप की भूमिका रही, उन्हें भी चिन्हित करेंगे। (वार्ता)