नई दिल्ली। सरकार ने अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रदर्शनकारियों द्वारा सोमवार को आयोजित 'भारत बंद' के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा के लिए विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस को जिम्मेवार ठहराते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से देश को बांटने की राजनीति करती रही है।
विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां संसद भवन परिसर में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के डीएनए की बात करते हैं। देश को बांटने का सबसे ज्यादा काम कांग्रेस ने किया है। पचास साल देश पर एक ही परिवार के लोगों ने शासन किया है और इस दौरान देश को धर्म, भाषा, समुदाय के नाम पर तथा हरसंभव दूसरे तरीकों से भी उसने बांटने की कोशिश की गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दल 'भारत बंद' के दौरान लोगों को हिंसा के लिए उकसा रहे थे। हम उम्मीद कर रहे थे कि राहुल गांधी लोगों से शांति की अपील करेंगे, लेकिन उन्होंने एक बार भी ऐसा नहीं किया।
प्रसाद के साथ तीन अन्य केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, अर्जुन राम मेघवाल और विजय सांपला तथा मध्यप्रदेश के हिंसा प्रभावित भिंड के सांसद भागीरथ प्रसाद भी मौजूद थे।
गहलोत ने विपक्षी दलों पर बंद के दौरान जान-बूझकर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जानबूझकर लोगों को हिंसा के लिए उकसाया गया। सात लोगों की मौत हो गई, जानमाल का नुकसान हुआ और आगजनी हुई। इस सबके लिए नकारात्मक भूमिका निभाने वाला विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस जिम्मेवार है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जो जनधन योजना, मुद्रा योजना, स्टैंडअप योजना, ग्रामीण आवास योजना आदि शुरू की है, जिनका सर्वाधिक लाभ अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को मिल रहा है।
प्रसाद ने कहा कि मौजूदा सरकार ने वर्ष 2016 में अनुसूचित जाति/जनजाति के हितों के संरक्षण संबंधी कानून में बदलाव कर पहली बार इन वर्गों के लोगों की जबरन मूंछें काटने, मुंह काला करने, उन्हें जूतों की माला पहनाने, पानी भरने और घुड़चढ़ी से रोकने तथा आदिवासी महिलाओं को देवदासी बुलाने को अपराध की श्रेणी में रखा।
गहलोत ने कांग्रेस से सवाल किया कि उसने अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए क्या किया है? उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में राजनीतिक लाभ के चक्कर में एक बार फिर समाज को बांटने की कोशिश कर रही है और इन वर्गों के लोगों को अन्य वर्गों से लड़ाना चाह रही है। (वार्ता)